जयपुर. राजस्थान में 4 विधानसभा सीटों सुजानगढ़, सहाड़ा, राजसमंद और वल्लभनगर विधायकों के निधन के चलते उपचुनाव होने हैं. इन उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से तैयारी में जुट गई है और इन उपचुनाव में पार्टी की और से सभाओं की शुरुआत अनौपचारिक तौर पर 27 फरवरी से होने जा रही है.
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27 फरवरी को पहले सुजानगढ़ विधानसभा के बॉर्डर पर बीकानेर जिले के डूंगरपुर विधानसभा में पिलानीयों की ढाणी और उसके बाद चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में कांग्रेस पार्टी प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन करेगी. जिसमें भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर के साथ ही राजसमंद जिलों के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.
भले ही इसे किसान सम्मेलन का नाम दिया जाए लेकिन इस सम्मेलन में उदयपुर की वल्लभनगर, भीलवाड़ा की सहाड़ा और राजसमंद की राजसमंद विधानसभा सीट के किसान सम्मेलन के जरिए एक तरीके से शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी सभा के माध्यम से उप चुनाव का आगाज करेंगे.
बता दें कि संभवत विधानसभा चुनाव के बाद यह करीब 2 साल बाद पहला ऐसा मौका होगा, जब एक हेलीकॉप्टर में सवार होकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत किसी सभा में शामिल होंगे. ऐसे में साफ है कि किसान सम्मेलन के माध्यम से कांग्रेस पार्टी उन चारों सीटों पर चुनाव प्रचार की शुरुआत करने जा रही है, जहां उपचुनाव होने हैं और एक ही दिन में चारों सीटों पर किसान सम्मेलन के माध्यम से प्रचार की शुरुआत कर दी जाएगी. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, प्रदेश प्रभारी अजय माकन ओर सचिन पायलट प्रचार की शुरुआत करेंगे.
राजस्थान में 4 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी सरकार के कामकाज को लेकर तो जनता के बीच में जाएगी ही, लेकिन इसके साथ ही पंजाब में निकाय चुनाव के नतीजे ने भी कांग्रेस नेताओं में ऊर्जा का संचार किया है. कांग्रेस पार्टी मानती है कि किसानों के मुद्दे पर अब जनता का समर्थन कांग्रेस को मिलेगा. ऐसे में उपचुनाव के प्रचार की अनौपचारिक शुरुआत भी कांग्रेस पार्टी किसान सम्मेलन के साथ ही करने जा रही है, ताकि उस किसान वर्ग का साथ कांग्रेस को मिले जो मुखर होकर भाजपा का विरोध कर रहा है.