जयपुर. राजस्थान के 20 जिलों में होने वाले 90 निकाय चुनाव के लिए रणभेरी बज चुकी है, लेकिन इन निकाय चुनाव में अगर सबसे ज्यादा साख किसी की दांव पर है तो वह कांग्रेस पार्टी की है. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में सत्ता में है, ऐसे में सत्ताधारी दल होने के नाते उससे जीत की अपेक्षाएं बढ़ती है. इसके साथ ही दोहरी अपेक्षाएं कांग्रेस पार्टी से इसलिए भी हो गई है क्योंकि हाल ही में हुए 12 जिलों के 50 निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 36 निकायों पर जीत दर्ज की थी.
ऐसे में पहली बार शहरी वोटर पर अपना कंट्रोल दिखा चुकी कांग्रेस के सामने यह चुनौती होगी कि वह कैसे महज एक महीने के अंतराल में होने जा रहे चुनाव में दोबारा उस शहरी वोट बैंक पर पकड़ दिखा सके जो भाजपा का माना जाता है. बता दें कि कांग्रेस पार्टी के सामने इन चुनाव में चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि कांग्रेस पार्टी का पिछले निकाय चुनाव में प्रदर्शन खराब रहा था.
इन 90 निकायों में से कांग्रेस पार्टी को महज 25 निकायों में ही जीत मिली थी, जबकि भाजपा को 60 निकायों में जीत मिली थी. वहीं क्योंकि यह कहा जाता है कि शहरी वोटर पर हमेशा भाजपा की पकड़ रहती है, तो ऐसे में कांग्रेस के सामने 1 महीने पहले बनाया गया इतिहास दोहराने की बड़ी चुनौती होगी.
बता दें कि यह पहला चुनाव होगा जब कांग्रेस पार्टी अपने पूरे संगठन के साथ चुनाव मैदान में होगी क्योंकि इससे पहले जो चुनाव हुए थे उनमें संगठन के नाम पर केवल गोविंद डोटासरा अकेले पदाधिकारी थे. लेकिन इस बार सभी पदाधिकारियों का सहयोग भी कांग्रेस पार्टी को मिल रहा है तो फिर नतीजों पर कांग्रेस पार्टी के 22 विधायकों, 6 मंत्रियों और एक उप मुख्य सचेतक के अलावा 39 पदाधिकारियों की भी साख दांव पर होगी.
इन निकायों ने इनका कब्जा...
- अजमेर
अजमेर में 5 जगह चुनाव है. इनमें से तीन जगह कांग्रेस के विधायक हैं, एक जगह निर्दलीय और अजमेर नगर निगम पूरे अजमेर का आता है. विजयनगर को छोड़कर बाकी चार जगह भाजपा का कब्जा था. अजमेर में अजमेर नगर निगम, केकड़ी नगर पालिका, सरवाड़ नगर पालिका और किशनगढ़ नगर परिषद में भाजपा का क्ब्जा था.
- बांसवाड़ा
कुशलगढ़ नगर पालिका- यह नगरपालिका पहले भाजपा के पास थी. यहां विधायक निर्दलीय रमिला खड़िया हैं, जो कांग्रेस समर्थित है.
- बीकानेर
बीकानेर में 3 नगरपालिका में से एक पर कांग्रेस के विधायक भंवर सिंह भाटी हैं, जो मंत्री भी हैं. एक जगह भाजपा और एक जगह सीपीएम का कब्जा है. पहले 3 में से 2 नगर पालिका नोखा और देशनोक भाजपा और डूंगरगढ़ नगर पालिका पर कम्युनिस्ट पार्टी पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा था.
- भीलवाड़ा
भीलवाड़ा में 7 जगह चुनाव है, जिनमें से 6 जगह अभी भाजपा के विधायक हैं. गंगापुर नगर पालिका भीलवाड़ा में आती है, जहां कांग्रेस के विधायक कैलाश त्रिवेदी थे लेकिन इनका निधन हो गया है. पिछली बार इन 7 में से भीलवाड़ा नगर परिषद, आसींद नगर पालिका और गुलाबपुरा नगर पालिका पर भाजपा का कब्जा था, तो वहीं शाहपुरा, जहाजपुर, मांडलगढ़ और गंगापुर नगर पालिका में कांग्रेस ने चुनाव जीता था.
- बूंदी
बूंदी में 5 नगर पालिका और एक नगर परिषद है, जिनमें से 4 नगर पालिका केशोरायपाटन में आती है जहां भाजपा के विधायक चंद्रकांता मेघवाल हैं. बूंदी से भाजपा के विधायक अशोक डोगरा हैं तो एकमात्र नैनवा नगर पालिका में खेल मंत्री अशोक चांदना विधायक हैं. बूंदी नगर परिषद, इंदरगढ़ नगर पालिका, केशोरायपाटन नगर पालिका, कापरेन नगर पालिका, लाखेरी नगर पालिका और नैनवा नगरपालिका पर भाजपा का कब्जा था.
- प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ में एक नगर पालिका और एक नगर परिषद है, जो दोनों प्रतापगढ़ विधानसभा में आती है. जहां विधायक कांग्रेस के रामलाल मीणा हैं. बीते चुनाव में प्रतापगढ़ नगर परिषद और छोटी सादड़ी नगर पालिका में भाजपा का कब्जा था.
- चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ की 3 नगर पालिका में से दो में भाजपा के विधायक हैं और एक में कांग्रेस के राजेंद्र बिधूड़ी. तीनों नगर पालिका बड़ी सदरी, बेगू और कपासन पहले भाजपा के कब्जे में थी.
- चूरू