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जयपुरः केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सीटू का प्रदर्शन, कृषि कानून और श्रम कानून को लेकर जताया विरोध - जयपुर भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र

भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) की जिला कमेटी ने गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर कृषि कानूनों और नए श्रम कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार के श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में सीटू संगठनों ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया.

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केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सीटू का प्रदर्शन...

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Published : Jan 7, 2021, 3:43 PM IST

जयपुर. भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) की जिला कमेटी ने गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर कृषि कानूनों और नए श्रम कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में देश के राष्ट्रीय श्रम संगठनों से बिना कोई विचार विमर्श किए पारित किया है, जो अब तक लगभग 44 श्रम कानूनों को लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन कर है. इसी तरह से किसानों के लिए भी तीनों कृषि कानून पास किए गए हैं.

सीटू ने कृषि कानूनों और नए श्रम कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया...

केंद्र सरकार के श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में सीटू संगठनों ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया. प्रदर्शनकारियों ने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर भी प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. सीटू के पदाधिकारियों ने बताया कि श्रम कानूनों को चार लेबर कोड में बदले जाने के बिल किसी भी तरह से मजदूरों के हक में नहीं है. इसके जरिए अब मजदूर कोर्ट में भी नहीं जा पाएगा. केंद्र सरकार को इन्हें वापस लेना चाहिए. इसी तरह से तीनों कृषि कानून भी किसानों के हित में नहीं है. ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने चारों लेबर कोड को समाप्त करने, तीनों काले कृषि कानूनों का निरस्त करने, न्यूनतम वेतन कम से कम 26 हजार रुपये करने, गैर आयकर दाताओं के खातों में अगले 6 माह तक 7500 की राशि जमा करने, सभी जरूरतमंदों को 10 किलो अनाज मुफ्त उपलब्ध करवाने, नरेगा में 200 दिन का काम देने और 700 रुपये दैनिक मजदूरी का भुगतान करने की मांग की.

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इसके अलावा इस गारंटी योजना को शहरी क्षेत्रों में लागू करने की भी मांग की गई. नई पेंशन योजना रद्द करने और पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, ठेका प्रथा समाप्त करने और ठेका श्रमिकों को रेगुलर श्रमिकों के समान ही वेतन व अन्य लाभ देने की मांग की गई. सीटू के महामंत्री भंवर सिंह ने बताया कि सरकार संस्थानों का निजीकरण कर रही है. केन्द्र सरकार को सरकारी संस्थान का निजीकरण और सरकारी संपत्ति परिसंपत्तियों को कौड़ियों के दाम बेचना बंद करना चाहिए. केंद्र सरकार को लॉकडाउन में निकाले गए श्रमिकों को वापस लेने और उन्हें लाॅकडाउन अवधि की बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए. मांग नहीं मानी जाती है तो 15 से 30 तारीख तक सीटू की ओर से विरोध पकवाड़ा मनाया जाएगा.

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