जयपुर: क्रिसमस की धूम पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही (Christmas Day Celebration In Rajasthan) है. राजधानी जयपुर के विभिन्न गिरजाघरों में रात 12 बजने के साथ ही विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाने लगा. शहर के सबसे पुराने सैंट एंड्रयूज चर्च में प्रभु के अवतरण से जुड़ी मनमोहक झांकियां सजाई गई हैं. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी प्रदेशवासियों को कोविड 19 प्रोटोकॉल के साथ त्योहार मनाने की सलाह दी है.
प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में छाया उल्लास चर्च में क्रिसमस का पेड़ रंग बिरंगी रोशनी और विशेष सजावट देखने को मिली. विशेष प्रार्थना सभा के साथ ही प्रभु यीशु के बताए गए नियमों का पाठ भी पढ़ाया गया. सुबह से चर्च में प्रार्थना, गीत गायन समेत विभिन्न कार्यक्रम पादरी मंडली की मौजूदगी में हुए. शहर के सबसे पुरानी सैंट एंड्रयूज चर्च में प्रभु यीशु के जन्म को दर्शाती विशेष झांकियां सजाई गई.
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विशेष प्रार्थना के बाद मोमबत्ती जलाकर प्रभु ईसा मसीह की प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया. कैथोलिक चर्च में भी विशेष प्रार्थनाएं हुई. पर्व की रौनक बाजारों से लेकर गिरिजाघरों में देखते ही बनी. सांता क्लाज से लेकर, क्रिसमस ट्री और उपहार के लिए जगह-जगह दुकानें सजी नजर आई. छोटे बच्चों में पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला. स्कूलों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
शहर के माॅल्स से लेकर गिरिजाघरों में लोगों को सांता क्लाॅज ने कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया. पर्व से पहले घरों में प्रभु के जन्म की खुशियों से जुडे़ गीत गायन के लिए घर-घर कैरल्स गाए गए. नन्हे मुन्ने बच्चे सैंटा क्लॉस बनकर गिरजा घरों में पहुंचे.
सवाई माधोसिंह ने दी थी जगह चांदपोल स्थित सेंट एंड्रयूज चर्च के पादरी दीपक बेरिस्टो के अनुसार चर्च में रंग बिरंगी रोशनी से सजावट की गई है. सीस्कीम, घाटगेट स्थित चर्च में क्रिसमस के दिन चर्च में बाइबल का संदेश दिया गया. प्रभु के बताए रास्ते पर चलने की शिक्षा लोगों को दी गई. इस दौरान पादरियों ने प्रभु के प्रेम, दया, क्षमा, मेल, भलाई, नम्रता और दीनताके संदेश को साझा किया. अजमेर रोड डीसीएम स्थित सेंट थॉमस आर्थोडॉक्स चर्च में क्रिसमस के पर्व पर विशेष प्रार्थना की गई.
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खास है सैंट एंड्रयूज चर्च
चांदपोल स्थित सेंट एंड्रयूज चर्च शहर के सबसे पुराने चर्चों में से एक है. सन् 1912 महाराजा सवाई माधोसिंह ने चर्च के लिए जगह दी थी, इसके बाद चर्च बनाया गया था. मार्च 1917 में चर्च पहली बार प्रार्थना के लिए खुला. चर्च का डोम बिना किसी पिलर के बनाया गया है. छत पर जाकर देखने से इसकी बनावट क्रास जैसी दिखती है. इस चर्च को क्रास के आकार में बनाया गया है. शहर की सबसे पुरानी बाइबल भी यहां अब तक सुरक्षित है. चर्च में बने क्लाक टॉवर में लगी हुई एक बड़ी घड़ी आज तक सही हालत में है. साढ़े चार फीट ऊंचे लोहे के चौकोर फ्रेम पर इस घड़ी की मशीन फिट की गई है. इसमें लोहे का पैंडुलम लगाया गया है.
यीशू के जन्म से जुड़ी झांकियों ने मोहा मन राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
क्रिसमस के मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेशवासियों को शुभकामना दी हैं. उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल की पालना की सलाह दी है. राज्यपाल ने यह पर्व कोविड के ओमीक्रोन वैरियंट के प्रसार को रोकने के अंतर्गत कोविड प्रोटोकॉल की पालना करते हुए मनाने की अपील की है.
क्रिसमस Eve पर खूब दिखे Santa!