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नवजातों पर कहर कब तक: जयपुर जेके लोन अस्पताल में दिसंबर में हुई 217 बच्चों की मौत

कोटा के जेके लोन अस्पताल में लगातार सामने आ रही बच्चों की मौत के बाद जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज को लेकर किस तरह की व्यवस्था है, इसका जायजा ईटीवी भारत ने लिया. वहीं आंकड़ों की बात करें तो जयपुर के जेके लोन अस्पताल में वर्ष 2019 में कुल ओपीडी 4 लाख 47 हजार रही. जिसमें कुल 1639 बच्चों की वर्ष 2019 में मौत हुई. दिसंबर माह की बात करें तो अस्पताल में कुल 217 बच्चों की मौत हुई है.

Jaipur JK Lone Hospital, Children died in JK Lone jaipur
जयपुर जेके लोन अस्पताल में दिसंबर में हुई 217 बच्चों की मौत

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Published : Jan 6, 2020, 8:08 PM IST

जयपुर. जहां एक तरफ राजधानी जयपुर के जेके लोन अस्पताल में हर साल बड़ी संख्या में परिजन अपने बच्चों का इलाज करवाने पहुंचते हैं और पिछले दिसंबर माह की बात करें तो अस्पताल की ओपीडी ने रिकॉर्ड तोड़ा और 30 हजार से अधिक बच्चों का इलाज ओपीडी में किया गया. लेकिन अगर अस्पताल में मौत के आंकड़ों पर बात करें तो जयपुर के जेके लोन अस्पताल में वर्ष 2019 में कुल ओपीडी 4 लाख 47 हजार रही. जिसमें कुल 1639 बच्चों की वर्ष 2019 में मौत हुई. दिसंबर माह की बात करें तो अस्पताल में कुल 217 बच्चों की मौत हुई है.

जयपुर जेके लोन अस्पताल में दिसंबर में हुई 217 बच्चों की मौत

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जयपुर जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अशोक गुप्ता ने बताया कि जयपुर का जेके लोन हॉस्पिटल में एक हजार बेड की सुविधा इलाज के लिए उपलब्ध है. इस अस्पताल में आईसीयू और एनआईसीयू की बात करें तो अस्पताल में 25 बेड का आईसीयू 150 बेड का एनआईसीयू है. इसके अलावा अस्पताल में 70 वेंटिलेटर की सुविधा भी यहां आने वाले मरीजों को दी जा रही है. अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अशोक गुप्ता ने बताया कि हाल ही में अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी सेंटर भी शुरू किए गए हैं.. जहां अस्पताल में आने वाले बच्चों को एक ही स्थान पर कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और न्यूरोलॉजी की सुविधा उपलब्ध है हो पाती है.

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अस्पताल में आ रहे इन बीमारियों से पीड़ित बच्चे
जेके लोन अस्पताल में पिछले माह में ओपीडी आंकड़ा 30 हजार पार कर गया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अब तक का जो आंकड़ा रिकॉर्ड किया गया है, वह चौंकाने वाला है. जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ ही पिछले कुछ समय से बच्चों में बीमारियों का प्रकोप देखा जा रहा है. खासकर 5 साल के कम उम्र के बच्चे मौसमी बीमारियों से ग्रसित है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में सबसे अधिक बुखार ,सर्दी जुखाम, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, डायरिया और उल्टी, निमोनिया और अस्थमा से पीड़ित बच्चे अधिक सामने आ रहे हैं.

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मौत का आंकड़ा
राजस्थान में बच्चों की मौत आखिरी की बात करें तो हाल ही में भारत सरकार ने इसे लेकर एक सर्वे भी जारी किया था. जिससे बताया था कि भारत में प्रति एक हजार जन्म लेने वाले बच्चो में 33 बच्चों की मौत होती है, तो वहीं राजस्थान की बात करे तो यह आंकड़ा 38 है यानी राजस्थान में एक हजार जन्म लेने वाले बच्चो में 38 बच्चों की मौत होती है.

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