जयपुर : कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के बाद अब इसके साइड इफेक्ट तेजी से सामने आने लगे हैं. प्रदेश में बाल श्रमिकों के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हुआ है. बच्चों ने कॉपी-किताबों को छोड़कर बाल श्रम की ओर रुख कर लिया है. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि स्कूल से ड्रॉप आउट हो रहे बच्चों को एक बार फिर शिक्षा से जोड़ने के लिए बाल आयोग सम्बंधित विभागों के साथ मिल कर विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है.
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद जो हालात बने हैं, उसमें बड़ी संख्या में बालश्रम के आंकड़े बढ़े हैं. बच्चे स्कूल से ड्रॉपआउट होकर बाल श्रम की ओर बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि अब इन बच्चों को जल्द ही वापस शिक्षा से जोड़ा जाएगा. बालश्रम और भिक्षावृत्ति से बच्चों को बाहर निकालने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि भिक्षावृत्ति और बाल श्रम में लिप्त बच्चों को विशेष अभियान चलाकर इस अभिशाप से बाहर निकाला जाए.
बेनीवाल ने कहा कि बैठक में सबसे बड़ी चिंता बच्चों की पुनर्वास को लेकर थी क्योंकि हर बार अभियान चलाया जाता है, लेकिन वक्त के साथ इसके परिणाम धरातल पर नहीं मिलते. ऐसे में इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशा की पालना करते हुए बच्चों के पुनर्वास को लेकर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. बच्चों को बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के बाद किस तरह से उन्हें पुनर्वास दिया जाए और शिक्षा से जोड़ा जाए इसका मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. इससे बच्चों को बालश्रम और भिक्षावर्ति की पुनरावृत्ति नहीं होगी.
स्किल डेवलपमेंट में सिखाएंगे काम -संगीता बेनीवाल ने कहा कि खासतौर से यह दिक्कत आ रही है कि बच्चों को परिवार से दूर नहीं किया जा सकता. आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से जो परिवार बच्चों से बालश्रम या भिक्षावृत्ति करा रहे हैं उन्हें साथ जोड़ा जाएगा. ऐसे परिवार के सदस्यों को स्किल डेवलपमेंट के जरिए रोजगार से जोड़ा जाएगा ताकि वह बच्चों को भिक्षावृत्ति या बाल श्रम के लिए मजबूर नहीं करें. माता पिता स्किल डेवलपमेंट के तहत सक्षम हो जाएंगे तो बच्चों को इस तरह से बालश्रम और भिक्षावृत्ति करने की जरूरत ही नहीं होगी.
कोरोना के बाद आंकड़ों में हुआ इजाफा -संगीता बेनीवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से जो हालात बने हैं, उसके बाद मध्यम और निम्न वर्ग के सामने रोजगार की बड़ी दिक्कतें आई हैं. यही वजह है कि भिक्षावृत्ति और बालश्रम के मामले ज्यादा बढ़े हैं. कोरोना काल में कई परिवारों का रोजगार छिन गया जिसकी वजह से अब बच्चे उनका हाथ बंटा रहे हैं. ऐसे बच्चों को भी आयोग सर्वे के जरिए चयनित कर रहा है. साथ ही स्कूलों में निर्देश दिए हैं कि वह अपनी सूची तैयार करके आयोग को अवगत कराएं कि कितने बच्चे स्कूल से ड्रॉपआउट हुए. उन बच्चों को किस तरह से फिर से शिक्षा से जोड़ा जा सकता है, इसको लेकर कार्य किया जाए.