जयपुर.मुख्यसचिव निरंजन आर्य मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया. मुख्य सचिव ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान विशेषकर जैसलमेर जिले में होने वाली सेवण घास को विकसित करने के प्रयास किए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह घास न केवल पौष्टिक होती है बल्कि कम पानी में उगती है और लंबे समय तक खराब भी नहीं होती है. उन्होंने इस घास को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के माध्यम से जैसलमेर जिले में एक चरागाह फार्म विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके चारों तरफ बाड़ के रूप में आयुर्वेद दवाओं में उपयोगी गूगल झाड़ी लगाएं, ताकि दोहरा लाभ लिया जा सके.
मुख्य सचिव ने राजस्थान सहकारी डेयरी संघ की 14 जिलों में 5.43 करोड़ रुपए की बीज उत्पादन और वितरण योजना के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की. जिला दुग्ध संघों के मार्फत संचालित होने वाली इस योजना में 40 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी की ओर से देय होगा. उन्होंने मुर्गीपालन से जुड़े इनोवेटिव पॉल्ट्री प्रॉडक्टिविटी प्रोजेक्ट (आईपीपीपी) में पूर्व निर्धारित धौलपुर जिले की जगह टोंक जिले को शामिल करने पर सहमति जताई.