राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

सेवण घास को बढ़ावा देने के लिए जैसलमेर में चारा फार्म विकसित करें : मुख्य सचिव - Statement of Chief Secretary Niranjan Arya on Sevan Grass

सेवण घास को बढ़ावा देने के लिए जैसलमेर में चारा फार्म विकसित किया जाएगा. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने इसको लेकर निर्देश करते हुए कहा है कि पशुपालन विभाग मनरेगा के माध्यम से विलुप्तप्राय पौष्टिक सेवण घास को बढ़ावा देने के लिए जैसलमेर जिले में चारा फार्म विकसित करें.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य,  जैसलमेर फार्म,  सेवण घास, मुख्य सचिव निरंजन आर्य वीसी, Jaisalmer latest news  Jaisalmer Sevana Grass Farm  Chief Secretary Niranjan Arya on Jaisalmer Sevan Grass Farm  Statement of Chief Secretary Niranjan Arya on Sevan Grass
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) वीसी

By

Published : Feb 9, 2021, 10:29 PM IST

जयपुर.मुख्यसचिव निरंजन आर्य मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया. मुख्य सचिव ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान विशेषकर जैसलमेर जिले में होने वाली सेवण घास को विकसित करने के प्रयास किए जाने चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह घास न केवल पौष्टिक होती है बल्कि कम पानी में उगती है और लंबे समय तक खराब भी नहीं होती है. उन्होंने इस घास को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के माध्यम से जैसलमेर जिले में एक चरागाह फार्म विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके चारों तरफ बाड़ के रूप में आयुर्वेद दवाओं में उपयोगी गूगल झाड़ी लगाएं, ताकि दोहरा लाभ लिया जा सके.

मुख्य सचिव ने राजस्थान सहकारी डेयरी संघ की 14 जिलों में 5.43 करोड़ रुपए की बीज उत्पादन और वितरण योजना के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की. जिला दुग्ध संघों के मार्फत संचालित होने वाली इस योजना में 40 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी की ओर से देय होगा. उन्होंने मुर्गीपालन से जुड़े इनोवेटिव पॉल्ट्री प्रॉडक्टिविटी प्रोजेक्ट (आईपीपीपी) में पूर्व निर्धारित धौलपुर जिले की जगह टोंक जिले को शामिल करने पर सहमति जताई.

पढ़ें- कृषि कानूनों से देश का किसान अपनी जमीन और अपने ही खेत पर गुलाम बन जाएगा: पायलट

राजीविका के माध्यम से चल रहे इस प्रोजेक्ट को राजसमंद जिले में पूरा कर लिया गया है जबकि धौलपुर और अलवर में अब शुरू किया जाना था. मुख्य सचिव ने बकरी की सिरोही नस्ल की उन्नति के लिए 9 जिलों में चल रहे अभियान की डाटा रिकॉर्डिंग के लिए पशुधन सहायक एवं पशु चिकित्सा सहायक को अधिकृत करने के प्रस्ताव पर सहमति दी. इस अभियान के तहत प्रत्येक कार्मिक एक सप्ताह में बकरी के 50 बच्चों का डेटा रिकॉर्ड करेगा.

इसके लिए प्रत्येक पशुधन सहायक को 3 हजार रुपए प्रति माह का अतिरिक्त मानदेय देय होगा. पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषि मलिक ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति के संबंध में अवगत कराया. बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे. राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. भवानी सिंह सहित पशुपालन विभाग, राजस्थान सहकारी डेयरी संघ (आरसीडीएफ) एवं राजीविका के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में शामिल हुए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details