जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि हाई रिस्क वाले स्थानों पर लगे बिजली के तारों और खम्भों पर सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जाएं. उन्होंने राज्य में विभिन्न स्थानों पर चिन्हित किए ढ़ाई लाख हाई रिस्क प्वाइंटों को अगले चार महीनों में दुरस्त कर वहां सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए.
निरंजन आर्य शुक्रवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने सभी डिस्कॉम प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि झूलते-ढ़ीले हाई वोल्टेज तारों को ठीक करने के कार्य को अभियान के रूप में ले. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी एलटी रोड क्रॉसिंग तारों को केबल से रिप्लेस किया जाए और झूलते तारों को कसने और ताराें के आसपास पेड़ की टहनियों को नियमित रूप से काटा जाए.
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आर्य ने खुले बिजली के बॉक्सों को बंद करने और स्कूल या आबादी के ऊपर से गुजर रही लाइनों को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बिजली के हाइटेंशन तारों से होने वाली भीषण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिस्कॉम अधिकारियों को कड़ाई से सुरक्षित कदम उठाने होंगे.
मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की ओर से टोल टैक्स से बचने के लिए दूसरा रूट अपनाया जाता है और वाहन चालक खेतों और तंग गलियों से अपने वाहनों को ले जाते हैं, जो दुर्घटना का एक प्रमुख कारण बनता है. उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बसों के ऊपर ओवरलोड सामान के विरूद्ध भी व्यापक कार्रवाई की जाए.
उन्होंने बिजली विभाग की हेल्पलाइन में आ रही जनता की शिकायतों और उनके निस्तारण के संबंध में विस्तार से जानकारी भी ली. ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने एक अप्रैल 2019 से 30 नवंबर 2020 तक की हाइटेंशन लाइनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का डाटा प्रस्तुत किया. मुख्य सचिव ने इस दौरान मृतकों की संख्या पर चिंता व्यक्त की.