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मुख्य सचिव ने प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग और संरक्षण को लेकर सभी कलेक्टर को दिए निर्देश

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग एवं संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला कलेक्ट्ररों और संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इसको लेकर मुख्य सचिव ने विभिन्न मुद्दों पर आयोजित बैठक की समीक्षा की.

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मुख्य सचिव ने प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग और संरक्षण को लेकर सभी कलेक्टर को दिए निर्देश

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Published : Dec 29, 2020, 5:38 AM IST

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग एवं संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला कलेक्ट्ररों और संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव सोमवार को सचिवालय में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय हरित अधिकरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आयोजित बैठक की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 के अनुसार ठोस, प्लास्टिक एवं बायोमेडिकल कचरे को अलग करें. उन्होंने डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने की व्यवस्था के तहत आमजन एवं निगम के सफाई कर्मचारियों को अपशिष्ट को गीला एवं सूखा कचरे के रूप में निष्पादित करने के प्रति ज्यादा जागरूक करने के लिए कलेक्ट्ररों को निर्देशित किया है.

साथ ही उन्होंने प्लास्टिक कचरे को री-साईकल कर सीमेन्ट एवं अन्य उद्योगों में पुनः उपयोग में लाने पर भी जोर दिया. बैठक में पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव, श्रेया गुहा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन, स्वायत्त शासन विभाग के सचिव भवानी सिंह देथा, पर्यावरण विभाग के सचिव दीप नारायण पांडे सहित सभी जिला कलेक्ट्ररों वीसी से जुड़े. मुख्य सचिव ने जिला कलेक्ट्ररों को भी पर्यावरण के प्रति प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका द्वारा किये जा रहे नवाचार और आमजन के लिए प्रशासन की मदद से चलाये जा रहे पर्यावरण जागरूकता अभियान और कचरे का वैज्ञानिक पद्धति द्वारा निष्पादन आदि के बारे में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कलेक्ट्ररों को अपने-अपने जिले की पर्यावरण योजना जल्द बनाने एवं वेटलेंड (आद्रभूमि) प्रोग्राम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा चयनित क्षेत्र की पहचान कर सत्यापित रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए ताकि एनजीटी को भी इसे समय पर पेश किया जा सके.

मुख्य सचिव ने गणतंत्र दिवस को लेकर दिए निर्देश

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने 26 जनवरी को एसएमएस स्टेडियम जयपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली. शासन सचिवालय में सोमवार को हुई इस बैठक में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों से विभागवार बिन्दुओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करते हुए अपने दायित्वों का जिम्मेदारी से निर्वहन करें. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों से कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूर्णतः पालन किया जाए. आर्य ने कहा कि सभा स्थल की सुरक्षा, यातायात और पार्किंग की व्यवस्था, मुख्य इमारतों पर सजावट और रोशनी की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाए. जनपथ पर समान प्रकार की रोशनी की जाए.

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उन्होंने अतिथियों के प्रवास, पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोगों की सूची तैयार करने और राजभवन में एट होम से संबंधित व्यवस्थाओं को भी शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए. इस अवसर पर जयपुर विकास प्राधिकरण, कार्मिक, सार्वजनिक निर्माण विभाग, पीएचईडी, पुलिस, जेवीवीएनएल, चिकित्सा विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क, स्टेट मोटर, शिक्षा, पुरातत्व तथा स्वायत्त शासन आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. कोरोना के चलते राजकीय कार्यक्रमों में सादगी मनाई जा रही है. इसी के चलते इस बार अभी तक कैबिनेट सचिवालय की ओर से गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग विभागों से पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित करने को लेकर परिपत्र जारी नहीं किया गया है. इसे लेकर सैद्धांतिक सहमति हो गई है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे ही इस बार भी पुरस्कार वितरण नहीं किया जाए.

ऐसे मनाया जाएगा राज्य स्तरीय समारोह

  • कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाए.
  • कार्यक्रम में बच्चों और बुजुर्गों को नहीं बुलाया जाएगा.
  • सोश्यल डिस्टेंसिंग और सोश्यल गेदरिंग वाले कार्यक्रमों को नहीं करने को कहा गया है.
  • डिस्टेंसिंग के साथ आगंतुकों को बैठाया जाएगा.
  • सैनिटाइजर आदि की कार्यक्रमस्थल पर व्यवस्था होगी.
  • सभी आगंतुकों के मास्क अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए.
  • कोरोना के चलते इस बार राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समारोहों में पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे.

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