जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपए का अनुदान देने का अहम फैसला किया है. इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर महज 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार की ओर से कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा. बता दें कि पहले राज्य सरकार की ओर से केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था.
इस योजना के तहत किसानों की ओर से रहन रखी गई उपज के बाजार मूल्य या समर्थन मूल्य, जो भी कम होगा के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा. मूल्यांकित राशि की 70 प्रतिशत राशि रहन ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए 1.50 लाख और बड़े किसानों को 3 लाख रुपए तक का ऋण मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर मिल सकेगा.
बता दें कि किसान को 90 दिवस की अवधि के लिए यह ऋण मिलेगा. विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 6 माह तक हो सकेगी. निर्धारित समय में ऋण का चुकता करने पर किसान को ब्याज अनुदान मिलेगा. किसानों की उपज को सुरक्षित करने के लिए इस योजना को ‘अ’ एवं ‘ब’ श्रेणी की उन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना के तहत जीएसएस या लैम्पस के सभी ऋणी एवं अऋणी किसान सदस्य उपज रहन कर ऋण लेने के पात्र होंगे.
मंडियों में भूखंड आवंटियों को राहत
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की विभिन्न मंडी समितियों में 99 वर्षीय लीज पद्धति से आवंटित भूखंडों पर विभिन्न कारणों से निर्माण नहीं करवा पाने वाले आवंटियों के आवंटन बहाल करने का अवसर प्रदान कर भी बड़ी राहत दी है. निर्माण नहीं करवाने के कारण जिनके आवंटन निरस्त हो गए थे अगर उन भूखंडों का किसी अन्य को आवंटन नहीं किया गया है तो ऐसे आवंटन पुनः बहाल हो सकेंगे. इसके लिए आवंटियों को 30 जून तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत जमा कराने की छूट प्रदान की है. मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से ऐसे प्रकरणों में आवंटियों को 31 दिसम्बर, 2020 तक निर्माण करने का अंतिम अवसर प्रदान करने के साथ आवंटन बहाल किया जा सकेगा.
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आवंटियों को मिली राहत