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मुख्यमंत्री गहलोत ने नई GPF योजना की प्रक्रिया को दी मंजूरी - राजस्थान जन आधार प्राधिकरण नियम

दिवाली पर मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को तदर्थ बोनस देने की घोषणा की थी. उन्होंने 1 जनवरी 2004 एवं उसके बाद नियुक्त कार्मिकों के बोनस की 25 प्रतिशत राशि नगद देने और बाकी 75 प्रतिशत राशि जमा करने के लिए जीपीएफ के समान योजना बनाने के निर्देश दिए थे. अब इस योजना को स्वीकृति दे दी गई है.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने नई जीपीएफ योजना की प्रक्रिया को दी मंजूरी

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Published : Dec 19, 2020, 6:48 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त और स्वायत्तशासी निकायों इत्यादि के कर्मचारियों के लिए जीपीएफ के समान नई योजना के लिए बजट मद और प्रक्रिया निर्धारित करने की स्वीकृति दे दी है. इस स्वीकृति के बाद अब सम्बन्धित खातेदार आहरण वितरण आधिकारियों के माध्यम से इन नवीन मदों में राशि जमा करा सकेंगे. उल्लेखनीय है कि इस साल दिवाली पर मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को तदर्थ बोनस देने की घोषणा की थी. उन्होंने 1 जनवरी, 2004 एवं उसके बाद नियुक्त कार्मिकों के बोनस की 25 प्रतिशत राशि नगद देने और बाकी 75 प्रतिशत राशि जमा करने के लिए जीपीएफ के समान योजना बनाने के निर्देश दिए थे.

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इस घोषणा के क्रम में स्वायत्तशाषी निकाय, बोर्ड एवं निगम आदि के कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के क्रम में जीपीएफ के समान योजनाओं के लिए नवीन बजट मद एवं प्रक्रिया निर्धारित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है. खास बात यह है कि नवीन बजट मदों में कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से भी राशि जमा कराई जा सकती है. साथ ही इसमें एरियर सहित समय-समय पर अन्य राशि भी जमा कराई जा सकती है. जमा राशि पर कार्मिकों को नियमानुसार ब्याज मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने आयोजना विभाग के प्रस्ताव पर दी सहमति

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जन आधार प्राधिकरण अधिनियम, 2020 को लागू करने के लिए राजस्थान जन आधार प्राधिकरण नियम 2020 के प्रारूप का प्रशासनिक अनुमोदन कर दिया है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए आयोजना विभाग के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी है. इन नियमों के माध्यम से जन आधार प्राधिकरण अधिनियम के तहत प्रदेशवासियों की जन आधार पहचान जारी करने, इसके लिए एनरोलमेन्ट, उपकरणों के उपयोग और सूचनाओं की सुरक्षा आदि की कार्रवाई की जा सकेगी. गौरतलब है कि वित्त विभाग ने जन आधार प्राधिकरण नियम, 2020 को लागू करने के लिए कुल 43.67 करोड़ रुपए के वित्तीय भार का आंकलन कर उस पर पूर्व में ही सहमति दे दी है.

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