जयपुर. सीएमगहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा की. करीब पांच घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अपराध नियंत्रण और प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गृह विभाग और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भू-माफिया, शराब, बजरी, अवैध खनन और रॉयल्टी से जुड़े माफिया नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
पश्चिमी राजस्थान में उद्योगों पर अनुचित दबाव को रोकें
मुख्यमंत्री ने कहा कि, बीते कुछ सालों में सोलर एवं विंड एनर्जी, क्रूड ऑयल के एक्सप्लोरेशन और रिफाइनरी के कारण पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं. इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है और समृद्धि भी आई है. लेकिन इसके साथ ही वहां उद्योगों को अनुचित रूप से दबाव देकर प्रभावित करने वाले स्थानीय माफिया भी पनपने लगे हैं. इसे समय रहते सख्ती से रोकने की आवश्यकता है. ताकि निवेशकों का विश्वास नहीं डिगे. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इसके खिलाफ कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए.
अन्तर्राज्यीय समन्वय से रोके प्रदेश में मादक पदार्थों की बिक्री
गहलोत ने प्रदेश में मादक पदार्थों की अवैध बिक्री और इनकी तस्करी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि, सिंथेटिक ड्रग और गोलियों के नाम पर नशीले पदार्थों का बढ़ता प्रचलन हम सभी के लिए चिंता का विषय है. कॉलेजों, स्कूलों सहित शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे युवाओं के स्वास्थ्य से हो रहे. इस खिलवाड़ को रोकने के लिए पुलिस अन्तरराज्यीय समन्वय के साथ ड्रग माफिया की गतिविधियों पर लगाम लगाए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के समय में पुलिस ने जिस संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ निचले स्तर तक काम किया उससे पुलिस और आमजन के बीच नया विश्वास कायम हुआ है. इसे आगे भी बरकरार रखें. गहलोत ने कहा कि, राजस्थान में अवैध बजरी खनन के कारण कानून व्यवस्था की जो समस्या बनी है, उसके समाधान के लिए मुख्य सचिव और खान विभाग के अधिकारी न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर समाधान करवाएं. इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और इससे पनप रहा माफिया भी खत्म होगा.