जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि राजस्व में भारी गिरावट की वजह से राज्यों की वित्तीय स्थिति तेजी से बिगड़ रही है.
वित्तीय स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार को राज्य कर्मियों के मार्च माह के वेतन को आंशिक रूप से स्थगित करने का मुश्किल फैसला लेना पड़ा. ऐसे में राज्यों की आर्थिक स्थिति समझते हुए केन्द्र सरकार की ओर से अत्यावश्यक कदम उठाने चाहिए.
सीएम अशोक गहलोत ने पत्र में लिखा है कि देश के सभी राज्यों को 1 लाख करोड़ का अनुदान शामिल करते हुए आर्थिक पैकेज की घोषणा शीघ्र की जानी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में वेज एण्ड मीन्स एडवान्स में 30 प्रतिशत की सीमा बढ़ाई है लेकिन, विशेष संकटकाल को देखते हुए राज्य सरकारों को ब्याज मुक्त वेज एण्ड मीन्स एडवान्स की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए. ताकि वे कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावी तरीके से निपट सकें.
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मुख्यमंत्री ने 27 मार्च को प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में दिये गए सुझावों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यों को केन्द्र से अपेक्षा है कि भारतीय रिजर्व बैंक एवं केन्द्र के अधीन अन्य वित्तीय संस्थानों के समस्त ऋण जो आगामी समय में देय हैं, उनके भुगतान का पुनर्निधारण करते हुए ब्याज मुक्त आधार पर कम से कम 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराए. साथ ही भारत सरकार के स्तर पर ऋण लेकर राज्यों के विकास के लिए उपलब्ध करवाया जाए.
कनाडा की तर्ज पर वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए
सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा कि कनाडा जैसे कई देशों में वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई है. उसी तर्ज पर भारत सरकार द्वारा यहां भी गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आजीविका के नुकसान को देखते हुए उन्हें वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
उन्होंने भारत सरकार द्वारा घोषित गरीब कल्याण योजना एवं आर्थिक पैकेज का स्वागत करते हुए जनहित में इसकी शीघ्र क्रियान्विती सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
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