जयपुर.मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की धोखाधड़ी से परेशान लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने भले ही कानून बना दिया हो, लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि या तो सोसाइटी के ऊपर कार्रवाई करें वरना प्रदेश के सहकारिता को इस संबंध में अधिकार दे. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र आंजना के अनुसार मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर नियंत्रण भारत सरकार का है. केंद्र और राज्य सरकार ऐसी सोसाइटी जो लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है उन पर कार्रवाई की मंशा भी जता चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार ने जो कानून बनाया है उसकी क्रियान्वित नहीं हो रही. अकेले राजस्थान में 1419 करोड़ रुपए कई लोगों के इन सोसाइटी में डूबे हुए हैं. उन्हें राहत देने के लिए पिछले दिनों शिकायत विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया, जिसमें हजारों की संख्या में शिकायत भी दर्ज हुई.
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कानूनी बाध्यता के चलते हम ऐसी सोसाइटी के ऊपर सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते और केंद्र सरकार इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई कर नहीं रही. अब यदि केंद्र सरकार हमारे रजिस्ट्रार को यह अधिकार दे तो, हम जल्द से जल्द लोगों के मेहनत की कमाई जो इन सोसायटी में अटकी हुई है उसे निकलवाने का काम करें. पत्रकारों से बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि जो केंद्रीय कृषि बिल लाए गए हैं उनके खिलाफ राजस्थान सरकार कानून बनाएगी. जिसके बाद उसे जल्द ही विधानसभा में पारित करने की अनुमति राष्ट्रपति से मिल जाएगी.
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आंजना के अनुसार इस संबंध में सोमवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक भी ली थी. जिसमें वो और कृषि मंत्री भी शामिल हुए. बता दें कि राजस्थान में मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी की धोखाधड़ी के शिकार लोगों की संख्या हजारों में है. इनके पीड़ितों ने सरकार से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पाई. वहीं, केंद्रीय कृषि बिल पर जारी सियासत राजस्थान में भी सुलग रही है जो आने वाले दिनों में नए रूप में दिख सकती है.