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समय रहते सख्त निर्णय नहीं लिए तो कोरोना के हालात होंगे गंभीर: मुख्यमंत्री

जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण की समीक्षा बैठक ली. जहां उन्होंने कोरोना के रोकथाम को लेकर चर्चा की.

सीएम गहलोत ने ली कोविड-19 की समीक्षा बैठक, CM Gehlot took review meeting of covid-19
सीएम गहलोत सीएम गहलोत ने ली कोविड-19 की समीक्षा बैठक, CM Gehlot took review meeting of covid-19 ने ली कोविड-19 की समीक्षा बैठक

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Published : Apr 19, 2021, 7:20 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों, जिला स्तर तक के प्रशासनिक अधिकारियों, चिकित्सा विषेषज्ञों सहित आमजन के साथ कोविड-19 संक्रमण की समीक्षा बैठक ली. जहां उन्होंने कोविड-19 संक्रमण की स्थिति पर चर्चा की.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए राज्य सरकार और भी कड़े कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि जिस तेजी से देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना रोगियों की संख्या और मृत्यु दर बढ़ रही है, यदि समय रहते सख्त निर्णय नहीं किए गए तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं. ऐसे में आमजन को चाहिए कि वे राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा विषेषज्ञों की सलाह पर जारी किए गए कोविड प्रोटोकॉल तथा अन्य दिषा-निर्देशों की पूरी तरह से पालना करें.

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उन्होंने कहा कि मास्क ही सबसे बड़ा बचाव है. इसलिए बिना मास्क पहने घर से बाहर नहीं निकलें. गहलोत ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिकाधिक लोगों का पंजीयन कराने की अपील की. उन्होंने कहा कि 30 अप्रेल तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों को तीन माह तक इंतजार करना पड़ेगा. इसलिए जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि 5 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की बीमा सुविधा का लाभ मिल सके.

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि पहली पीक के समय हम 35 हजार टेस्ट प्रतिदिन कर पा रहे थे. अब हमने टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर 67 हजार प्रतिदिन तक कर दी है. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दवा कंपनियों से सरकार लगातार संपर्क में है.

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोविड व्यवहार को सख्ती से लागू करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की पहली लहर के समय भी कड़े कदम उठाकर प्रदेशवासियों को संकट से बचाया था. ऐसे ही सख्त कदमों की अब और भी आवश्यकता है.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि गांवों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है. हमें कोरोना संक्रमित होने पर क्या करें, इसकी बजाय कोरोना न हो, इस दिशा में प्रयास करने चाहिए. हैल्थ प्रोटोकॉल की समुचित पालना से ही इस बीमारी को रोका जा सकता है. यदि लोग ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ता है.

चिकित्सा विशेषज्ञों डॉ. राजाबाबू पवार, डॉ. सुधीर भंडारी और डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि दूसरी लहर ने युवा वर्ग को भी अछूता नहीं छोड़ा है. स्थिति की भयावहता को देखते हुए जीवन बचाने के लिए लॉकडाउन जैसे कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर देना जरूरी है.

इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने एक ही दिन में 10 हजार 500 से अधिक केस आना दर्शाता है कि हम तेज गति से दूसरे राज्यों की राह पर बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 42 लोगों की मौत चिंताजनक है. अब प्रदेश में केस डबलिंग टाइम 42 दिन रह गया है, जो कि राष्ट्रीय औसत से भी कम है. उन्होंने बताया कि मार्च माह में 31 रोगियों की ही मौत हुई थी. वहीं अप्रेल के 17 दिन में 322 रोगी मृत्यु के शिकार हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन की उपलब्धता बढाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

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बैठक में पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक, जिला कलक्टर एवं मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सीएमएचओ और बड़ी संख्या में आमजन वीसी के माध्यम से बैठक से जुड़े.

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