जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में बने अंगदाता स्मारक का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. वीडियो कॉन्फ्रेंस में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में वर्तमान में अंगदान की दर प्रति दस लाख जनसंख्या पर मात्र 0.08 ही है, जबकि स्पेन में यह 35.01, अमरीका में 21.9, ब्रिटेन में 15.5 प्रति मिलियन है. देश में हर साल करीब दो लाख लोगों को किडनी-लिवर और 50 हजार लोगों को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है.
अंगदान के प्रति जागरूकता में कमी के कारण बहुत कम लोगों में ही अंग प्रत्यारोपित हो पाते हैं. उन्होंने कहा कि हमें अंगदान और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्कता है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की दिशा में हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में पिछले साल मानव अंग और उतक प्रत्यारोपण केंद्र और कार्डियोथोरासिक हृदय प्रत्यारोपण ऑपरेशन थिएटर और गहन चिकित्सा इकाई का उद्घाटन किया गया था.
यह केंद्र लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने का भी काम कर रहा है. गहलोत ने इस अवसर पर स्मारक से संबंधित पोस्टर का विमोचन किया. उन्होंने प्रदेश में अंगदान के प्रति सामाजिक जागरूकता लाने के लिए जयपुर सिटीजन फोरम के चैयरमेन राजीव अरोडा और एमएफजेसीएफ की कन्वीनर भावना जगवानी की सराहना करते हुए कहा कि यह स्मारक आमजन में अंगदान के प्रति प्रेरणा जगाने और पीड़ित मानवता की सेवा का वातावरण तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सामाजिक मान्यताओं के कारण लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करना आसान कार्य नहीं है, लेकिन ऐसी संस्थाओं के प्रयासों से इस नेक काम को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि अंगदान और अंग प्रत्यारोपण चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी क्रांति है, जिससे लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है. एक ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति के शरीर से कॉर्निया, किडनी, लिवर, दिल, पैंक्रियाज, फेफडे, हार्ट वाल्व का प्रत्यारोपण कर लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है.
जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि अंगदान को उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए. जयपुर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से जयपुर में भारत का पहला अंगदान स्मारक बन सका है. उन्होंने कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जहां ड्राइविंग लाइसेंस पर अंगदाता होने का चिन्ह अंकित करना प्रारंभ किया गया है. यह अपने आप में बड़ी पहल है. उन्होंने कहा कि राजस्थान पूरे उत्तर भारत में अंगदान के क्षेत्र में आगे आने वाला प्रमुख राज्य बन गया है.
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डालमिया सीमेंट के प्रबंध निदेषक महेन्द्र सिंघी ने कहा कि यह स्मारक अंगदाताओं के योगदान को अविस्मरणीय बनाए रखेगा. मोहन फाउंडशेन के फाउंडर ट्रस्टी डॉ. सुनील श्रॉफ ने कहा कि असीम पीड़ा के समय भी परमार्थ भाव से किया गया अंगदान सबके लिए प्रेरणादाई है. एमएफजेसीएफ की कन्वीनर भावना जगवानी ने प्रदेश में अंगदान के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि प्रदेश अंगदान के क्षेत्र में मिसाल कायम करे.