जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूल मंत्र है. हर अधिकारी और कर्मचारी इस सूत्र वाक्य को आत्मसात कर जनता से जुड़े कामों में किसी तरह की कमी नहीं रखें. उन्होंने निर्देश दिए कि कार्मिक विभाग में एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाए, जिसमें ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो काम में लापरवाह हैं और जिनके विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें हो या आदतन रूप से अनुशासनहीनता करते हां, उनके प्रकरण भिजवाए जाएं. राज्य सरकार उन प्रकरणों पर विचार कर दोषी कार्मिक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करेगी.
सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ मुख्यमंत्री सहायता कोष, सिलिकोसिस योजना, राजस्व मामलों, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सम्पर्क पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों सहित आमजन से जुड़े अन्य विषयों पर समीक्षा की. उन्होंने कहा कि लोगों के वाजिब काम समय पर पूरे करना सरकार का दायित्व है.
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अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता है, तो उसे होने वाली पीड़ा के लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हालांकि बैठक में मुख्यमंत्री ने एसीएस रोहित कुमार सिंह के कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में किए गए कामकाज की तारीफ करते हुए ग्रामीण विकास में भी राज्य को नंबर बनाने के लिए कहा.
प्रशासन गांवों के संग अभियान की तैयारी रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर पर देखा जाता है कि लोगों को छोटे-छोटे राजस्व वादों के निस्तारण के लिए भी लम्बे समय तक चक्कर काटने पड़ते हैं. नामांतरण, सीमा ज्ञान, पत्थरगढ़ी, भू-संपरिवर्तन सहित अन्य राजस्व सम्बंधी मामलों का समय पर निस्तारण नहीं होने से आमजन अपने अधिकार से वंचित रहता है. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी और कार्मिक इन कार्यों को पूरी संवेदनशीलता के साथ टाइमलाइन में पूरा करें.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन के ऐसे जरूरी कामों को मौके पर ही करने के लिए जल्द ही प्रशासन गांवों के संग अभियान चलाएगी. उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि काश्तकारों को खेतों तक रास्ता देने के लिए अभियान चलाएं.