जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने लंबे समय से चली आ रही ग्राम सेवकों की पदनाम बदलने की मांग को पूरा कर दिया है. अब राजस्थान की ग्राम सेवक ग्राम विकास अधिकारी के नाम से पहचाने जाएंगे. 9 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गई है. कैबिनेट में हुए इस निर्णय के बाद प्रदेश के ग्राम सेवक जो अब ग्राम विकास अधिकारी हो गए हैं, वह बीडीओ के पद पर पदोन्नत हो सकेंगे.
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर के प्रदेश के हजारों ग्रामसेवकों की लंबे समय से चली आ रही पदोन्नति की मांग को स्वीकार कर खुशखबरी दी. सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि प्रदेश के ग्रामसेवकों की मांग 9 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी कर ली गई है. ग्राम सेवक पद का नाम परिवर्तित कर ग्राम विकास अधिकारी कर दिया गया है. अब ग्रामसेवक बीडीओ के पद तक पदोन्नत हो सकेंगे.
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान ग्रामीण सेवा के अधिकारियों के कैडर गठन और पदोन्नति के विषय पर राज्य सरकार द्वारा परीक्षण करवाया जा रहा है. विकास अधिकारियों की उचित मांगों का निस्तारण प्राथमिकता से किया जाएगा.
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बता दें कि राजस्थान में ग्राम सेवकों को पदनाम बदलने को लेकर लगातार लंबे समय से ग्राम सेवकों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया था. ग्राम सेवक संघ से जुड़े लोगों का कहना था कि जब ग्राम सेवक ग्राम पंचायत के अंदर विकास के कामकाज को देखता है, उनके मॉनिटरिंग करता है. अंतिम छोर मेंं बैठे सरकार की योजना का लाभ किस तरह से मिले, सब पर काम करता है. उसे फिर ग्रामसेवक नाम से क्यों पुकारा जाता है, जो उन्हें अपमानित करता है. उनका नाम ग्राम विकास अधिकारी होना चाहिए. पदनाम बदलने के साथ ही अब इन ग्रामसेवकों पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो गया है.