जयपुर. कोरोना महामारी को हर व्यक्ति गंभीरता से लेते हुए अनिवार्य रूप से मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें और हेल्थ प्रोटोकाॅल की पूरी तरह से पालना करें, तो लगातार बढ़ रहा कोरोना संक्रमण पूरी तरह से काबू में किया जा सकता है. वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि कोरोना के प्रति जागरूकता को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दिया जाए. यह बात मंगलवार को कोरोना जागरूकता संवाद में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से पंचायत स्तर तक हुए संवाद के दौरान प्रमुखता से उभर कर आई.
'हर जीवन को बचाना हमारा कर्तव्य' इस जागरूकता संवाद का रीजनल टीवी चैनल्स, सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के अलावा 8 हजार से ज्यादा ई-मित्र प्लस सेंटर्स और वेबकास्ट के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया. इस कार्यक्रम के लाइव प्रसारण से राज्य और देश के अन्य भागों से लाखों लोग जुडे़. राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक, राज्य के प्रशासन व पुलिस के अधिकारी, मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ एवं चिकित्सक, ग्राम पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि व कार्मिक भी इस परिचर्चा का हिस्सा बने.
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इस ओपन प्लेटफाॅर्म जागरूकता संवाद में देश के विख्यात चिकित्सक मेदांता हाॅस्पिटल, गुरूग्राम के एमडी डाॅ. नरेश त्रेहान, आईएलबीएस, नई दिल्ली के निदेशक डाॅ. एस के सरीन, नारायणा हृदयालय, बेंगलुरु के अध्यक्ष डाॅ. देवी शेट्टी ने प्रभावी तरीके से पंचायत स्तर तक के लोगों को कोरोना बचाव के लिए उपयोगी जानकारी दी.
'नो मास्क-नो एंट्री' का नियम बने
जागरूकता संवाद के दौरान डाॅ. एसके सरीन ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, सरकारी एवं निजी संस्थानों, बैंक, बाजारों आदि में 'नो मास्क-नो एंट्री' का नियम सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, तभी कोरोना संक्रमण रोकने के सरकार के प्रयास फलीभूत होंगे. हर व्यक्ति को समझना होगा कि स्वयं का बचाव ही कोरोना का उपचार है, तो हम इस जंग को जीतने में कामयाब हो जाएंगे. सभी मास्क पहनें और मास्क पहनने वाले को सम्मान की नजर से देखें.
कोरोना वॉरियर्स का हो सम्मान
विशेषज्ञ चिकित्सकों का मत था कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे चिकित्सक, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी आदि का सम्मान किया जाए. पाॅजिटिव मरीजों को भी सम्मान के भाव से देखा जाए क्योंकि समय पर जांच करवाकर उन्होंने दूसरों को संक्रमित होने से बचाया है.
रोल माॅडल्स को करनी होगी मिसाल कायम
डाॅ. नरेश त्रेहान ने संवाद के दौरान कहा कि समाज के हर क्षेत्र के रोल माॅडल और सार्वजनिक जीवन में प्रभाव रखने वाले लोग मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना कर उदाहरण पेश करें. उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान सरकार ने अब तक कोरोना से मुकाबले के लिए प्रभावी कार्य किया है. सरकार के प्रयासों के साथ ही कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए लोगों को एकजुट होकर सावधानियों का पालन हर हाल में सुनिश्चित करना होगा.
डाॅ. देवी शेट्टी ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में देश और दुनिया ने बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा माॅडल भी राजस्थान ने ही दिया है. शेट्टी ने कहा कि कोरोना जल्दी खत्म होने वाला नहीं है, इससे लंबे समय तक मुकाबले के लिए लोगों को सावधानियों के प्रति उदासीनता या लापरवाही भारी पड़ सकती है. हर स्थिति में भीड़ से बचना होगा. उन्होंने कहा कि जांच और इलाज में देरी घातक सिद्ध हो सकती है.
हर व्यक्ति बरते विशेष सतर्कताः सीएम गहलोत
संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हर जीवन को बचाना हमारा कर्तव्य है. राज्य सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर मार्च से अब तक 100 से ज्यादा वीडियो काॅन्फ्रेंस कर आमजन से चर्चा और प्रशासन के साथ समीक्षा की गई है. प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का आधारभूत ढांचा मजबूत किया गया है और टेस्टिंग क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है.
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गहलोत ने कहा कि ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. कोरोना से मृत्युदर को न्यूनतम स्तर पर बनाए रखने और रिकवरी रेट बढ़ाने पर पूरा फोकस किया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से परिचर्चा में जो बातें कही गई हैं, उनका आमजन पर प्रभाव पड़ेगा और हर व्यक्ति इस महामारी को लेकर विशेष सतर्कता बरतेगा.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 22 जिलों में टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध है और शेष जिलों में टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशन में किए गए प्रबंधन की पूरे देश में सराहना हो रही है. चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई तभी सफल होगी, जब प्रत्येक नागरिक जागरूक होकर स्वयं को इस महामारी से बचाए रखेगा.