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राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 के प्रारूप को मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी - राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सेवा नियम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कई प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए बड़ी राहत दी है. राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 के प्रारूप को मंजूरी दी. नए सेवा नियम बनने से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में विभाग की जरूरत के अनुसार विशेष कौशल रखने वाला स्थाई कैडर सृजित हो सकेगा और राज्य एवं केन्द्र सरकार के अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति अथवा विशेष सेलेक्शन के माध्यम से भी सेवाएं ली जा सकेंगी.

CM Ashok Gehlot, Rajasthan Science and Technology Service Rules
राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 के प्रारूप को मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी

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Published : Feb 26, 2021, 3:40 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कई प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए बड़ी राहत दी है. राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 के प्रारूप को मंजूरी दी. वहीं मुख्यमंत्री ने संवेदनशील निर्णय लेते हुए अनुकम्पा नियुक्ति के 54 प्रकरणों में शिथिलता दी है, जिससे 2 वर्ष में 3,182 अनुकम्पा नियुक्तियां मिल सकेंगी. दरअसल लम्बे समय से चली आ रही मांग पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (राज्य एवं अधीनस्थ ) सेवा नियम, 2021 के प्रारूप को मंजूरी दे दी है.

उल्लेखनीय है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में अभी स्थाई कैडर पर बहुत कम अधिकारी उपलब्ध हैं. अधिकतर अधिकारी प्रतिनियुक्ति अथवा विशेष सेलेक्शन के माध्यम से अन्य सरकारी विभागों से अस्थाई तौर पर रखे गए हैं. इससे विभाग की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी. नए सेवा नियम बनने से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में विभाग की जरूरत के अनुसार विशेष कौशल रखने वाला स्थाई कैडर सृजित हो सकेगा और राज्य एवं केन्द्र सरकार के अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति अथवा विशेष सेलेक्शन के माध्यम से भी सेवाएं ली जा सकेंगी. विभाग में नए पदों का सृजन होने से युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा विभाग में अधीनस्थ सेवाओं के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर मिल सकेंगे.

अनुकंपा नियुक्ति के लिए 54 प्रकरणों में दी शिथिलता

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन के 54 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है. गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से इन परिवारों को सम्बल मिल सकेगा. गहलोत ने न्यूनतम आयु सीमा एवं विलम्ब अवधि के 39, अधिआयु सीमा के 4 तथा विलम्ब से आवेदन के 11 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शिथिलता दी है. प्रकरणों में शिथिलता देने से मृतक आश्रित परिवारों को राहत मिल सकेगी.

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उल्लेखनीय है कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है. साथ ही आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है. गहलोत ने विगत दो वर्ष में अनुकम्पा नियुक्ति के 723 प्रकरणों में शिथिलता देने के मानवीय निर्णय करते हुए आवेदकों को राहत प्रदान की है. मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता के कारण विगत करीब 2 वर्ष के समय में 3,182 मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है.

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