जयपुर. चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत राजस्थान हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने हर स्कूल में चिल्ड्रन लिटरेसी क्लब की स्थापना का सुझाव दिया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर हर राज्य में बनाने की बात कही है. राजस्थान राज्य विधिक सेवा समिति और यूनिसेफ की ओर से 'रिस्पॉन्स ऑफ द चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम टू वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अथिति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि बच्चों के साथ हिंसा पर अंकुश के लिए जरूरी है कि हमें बच्चों को उनके साथ गलत होने पर आवाज उठाने के लायक बनाना चाहिए.
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जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि यह भी सुनिश्चित हो कि उनकी आवाज दबाई नहीं जा सके. ऐसी कोई घटना होने पर बच्चों के जल्द से जल्द बयान कोर्ट में दर्ज होने चाहिए. ऐसे मामलों के गवाहों के बयान भी जल्द दर्ज होने चाहिए. साथ ही उन्होंने पीड़ित बच्चों के मनोवैज्ञानिक उपचार की जरूरत पर भी जोर दिया. सुनवाई करने वाले जजों को भी ध्यान रखना चाहिए कि आर्थिक मुआवजे के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक उपचार पर भी ध्यान देना चाहिए.
सुनवाई के दौरान भी बच्चों के अनुरूप माहौल बनाने और विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर हर राज्य में बनाने पर भी जोर दिया. बच्चों के साथ अपराधों के मामलों में आरोपी को जमानत या अंतरिम जमानत देने में एहतियात बरतने की भी उन्होंने सलाह दी है. साथ ही हेल्पलाइन नम्बरों के प्रचार-प्रसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया.
लीगल लिटरेसी क्लब बनाने का सुझाव