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वर्षों से कृषि ऋण नहीं देने वाले भूमि विकास बैंकों से अब वापस मिलेगा ऋण, ब्याज में 5 प्रतिशत का अनुदान भी

सहाकरिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने बुधवार को अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृषि ऋण माफी योजना का फीडबैक लिया. उन्होंने ऋण माफी में लापरवाही बरतने पर जालौर पीएलडीबी सचिव को चार्जशीट दी है. पढ़ें विस्तृत खबर...

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Published : Jan 29, 2020, 7:58 PM IST

PLDB Secretary Jalore, राजस्थान सहकारिता विभाग
Charge sheet to PLDB Secretary Jalore

जयपुर.प्रदेश में जिन प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों से वर्षों से किसानों को कृषि ऋण का वितरण नहीं हो पा रहा था वे बैंक अब राज्य सरकार की कृषक ऋण माफी योजना अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने और 5% ब्याज अनुदान से किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराने जा रही है.

वर्षों से कृषि ऋण नहीं देने वाले भूमि विकास बैंकों से अब वापस मिलेगा ऋण

यह जानकारी सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ नीरज के पवन ने दी उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को दी गई इससे राहत का लाभ समय रहते 5 किसानों तक पहुंचना चाहिए. किसानों को विगत 30 मार्च तक भूमि विकास बैंकों से 230 करोड रुपए के दीर्घकालीन कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है.

नीरज के पवन ने बुधवार को प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की समीक्षा बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने जालौर जिले में ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरण में किसान से की गई अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही बरतने पर प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक जालौर के सचिव नारायण सिंह को चार्जशीट देने के निर्देश दिए.

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उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि बैंक शाखा द्वारा किसी भी कार्य से यदि बैंक या किसान को नुकसान होता है तो निलंबन की कार्रवाई अमल में ली जाएगी. रजिस्ट्रार सहकारिता ने निर्देश दिए कि समय पर किसानों को कृषि ऋण का वितरण करें ताकि पात्र किसानों को लाभ मिल सके. साथ ही यह भी निर्देश दिए गए कि ऋण वितरण के पश्चात किसान की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में परिवर्तन का भी आकलन किया जाए.

उन्होंने कहा कि बेवजह यदि किसान को परेशान किया गया तो सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ऋण वितरण के लिए प्राथमिक भूमि विकास बैंकों को लक्ष्य बनाने के निर्देश भी दिए. साथ ही यह भी कहा कि 7.10% ब्याज दर से किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा कृषि ऋण नहीं दिया जा रहा इसका फायदा किसानों को मिलना चाहिए.

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नीरज के पवन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन किसानों की मृत्यु हो चुकी है ऐसे किसानों का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर पोर्टल पर डाटा अपलोड कर मृत किसान के वारिस को भूमि रहन मुक्ति का प्रमाण पत्र प्रदान करें. वहीं ऋण माफी के पात्र किसानों से संबंधित डाटा को 10 फरवरी तक अपलोड करें. अन्यथा संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वितीय जीएल स्वामी, अतिरिक्त खंडी रजिस्टर एमडी एसएलडीबी नवीन शर्मा और सभी प्राथमिक भूमि विकास बैंकों के सचिव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.

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