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जयपुर: निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भवन विनियमों में किया गया बदलाव - real state news

नागरिकों को जीवन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य और सफाई के साथ-साथ उचित दूरी के दृष्टिगत भविष्य में भवन निर्माण गतिविधियों और रियल स्टेट को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान नगरीय क्षेत्र भवन विनियम- 2020 में संशोधन किया गया है. संशोधन से छोटे भूखंडों पर अधिक निर्माण की अनुमति प्रदान की जा सकेगी. वहीं भवन निर्माण स्वीकृति प्रक्रिया के प्रावधानों का भी सरलीकरण किया गया है.

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राजस्थान नगरीय क्षेत्र भवन विनियम- 2020 में संशोधन

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Published : Jul 27, 2020, 10:30 PM IST

जयपुर.कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र और भवन निर्माण उद्योग में मंदी को देखते हुए, राज्य सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में भवन निर्माण गतिविधियों को अधिक बढ़ावा देने के लिए प्रचलित भवन विनियमों में परिवर्तन किया गया है. इस संबंध में सोमवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें यूडीएच प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत, एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा और मुख्य नगर नियोजक आरके विजयवर्गीय सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

राजस्थान नगरीय क्षेत्र भवन विनियम- 2020 में संशोधन

बैठक में राजस्थान नगरीय क्षेत्र में भवन विनियम- 2020 के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के बाद मंजूरी दी गई. इस संबंध में जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार विनियम संशोधन से छोटे भूखंडों पर अधिक निर्माण की अनुमति प्रदान की जा सकेगी. 2500 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल के भूखंडों पर भवन निर्माण के लिए मानचित्र अनुमोदन की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए, डीम्ड मानचित्र अनुमोदन के लिए वास्तुविदों का पंजीकरण किया जाएगा.

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वहीं भवन निर्माण स्वीकृति प्रक्रिया प्रावधानों का भी सरलीकरण किया गया है, जिसके तहत 250 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों के स्थान पर 500 वर्ग मीटर तक के क्षेत्रफल के समस्त उपयोगों के भूखंडों पर विस्तृत मानचित्र अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी. वहीं 2500 वर्ग मीटर तक के सभी उपयोग के भूखंडों में यदि 18 मीटर तक ऊंचाई का भवन बनाना है, तो भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क जमा करवाकर और पंजीकृत आर्किटेक्ट से भवन मानचित्र का अनुमोदन लेकर भूखंड धारी द्वारा काम शुरू किया जा सकता है. वहीं भवन विनियमों के अनुसार पेड़ लगाने और वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सफाई के लिए कार्मिकों का भी पंजीकरण किया जाएगा.

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बता दें कि भवन निर्माण उद्योग का देश और राज्य की आर्थिक प्रगति जीडीपी में लगभग 8.2 प्रतिशत योगदान रहता है. यह उद्योग सर्वाधिक रोजगार उत्पन्न करने वाला है. वर्तमान में कोविड- 19 का प्रभाव शहरों में अधिकांश रहा है, जिसका मूल कारण आवासों में प्रति व्यक्ति निर्मित क्षेत्र न्यूनतम औसत से भी कम है. साथ ही सामान्य स्वास्थ्य की दृष्टि से न्यूनतम प्रति व्यक्ति निर्मित क्षेत्रफल 9.5 वर्ग मीटर होना चाहिए. लेकिन इसके विपरीत शहरों में लगभग 60 प्रतिशत आवासों में 2.0 वर्ग मीटर से 8.0 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र प्रति व्यक्ति ही उपलब्ध है. इस कारण ऐसे क्षेत्रों में उचित दूरी की पालना नहीं हो पाने के फलस्वरूप कोरोना वायरस तेजी से फैला है.

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