जयपुर.राजस्थान में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय अब सरकार के लिए गले की फांस बन रहे हैं (Challenges of MGEMS). ब्लॉक स्तर पर स्कूलों को शुरू करने के बाद आनन-फानन में सरकार चाहती है कि जल्द इन स्कूलों को स्टाफ भी मिल जाए. इस बीच एक परेशानी सरकार और स्कूलों के सामने खड़ी हो गई है. मामला है इन स्कूलों की जगह का. गौरतलब है कि नए सेटअप की जगह सरकार ने पहले से ही जारी हिंदी मीडियम वाली स्कूलों को ही अंग्रेजी माध्यम में तब्दील करना शुरु कर दिया है, जिसका खामियाजा बड़े पैमाने पर हिंदी मीडियम के छात्र उठा रहे हैं. लिहाजा सरकार से शिक्षक संगठन फैसले पर रिव्यू की मांग कर रहे हैं.
राजधानी जयपुर में 41 स्कूलों समेत पूरे प्रदेश में 211 स्कूलों को हिंदी माध्यम से अंग्रेजी मीडियम में बदला गया है. जिनका शैक्षिक सत्र 2022 -23 से ही है. ऐसे में सरकार के फैसले के बीच अंग्रेजी भाषा में पूरी तरह से ट्रेंड स्टाफ की कमी भी एक बड़ा मसला है. इस पर सरकार ने स्कूलों से अलग से प्रस्ताव बनाकर भेजने के लिए कहा है. आशंका है कि मीडियम बदलने से स्कूल में ड्रॉप आउट बढ़ सकता है (Drop Outs In MGEMS) दूसरी तरफ संविदा पर आए शिक्षक भविष्य में अपनी लिए स्थाई नौकरी की मांग कर सकते हैं.
हिंदी मीडियम वाला जाए तो जाए कहां?: जयपुर की सोमेश्वर पुरी कच्ची बस्ती स्थित उच्च माध्यमिक स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया गया है. जिसके बाद यहां हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है. शिक्षक संगठनों के मुताबिक झालाना कच्ची बस्ती के इस स्कूल के आसपास के इलाके से पंद्रह सौ अड़तालीस बच्चों का नामांकन किया गया है. इनमें से ज्यादातर बच्चे अपना माध्यम बदलने के लिए तैयार नहीं हैं. अब ये बच्चे अगर स्कूल में नहीं पढ़ते हैं ,तो फिर कहां जाएं? सोमेश्वरपुरी जैसा ही मामला आमेर के सीतारामपुरी स्कूल का है. जहां बच्चों के घर वाले भी नाराजगी जता रहे हैं. यहां के बच्चे अपनी आगे की तालीम हिंदी में चाहते हैं ,लेकिन इनके स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में तब्दील कर दिया गया है. बच्चों के आसपास कोई दूसरा ऑप्शन भी नहीं है, ऐसे में घरवालों और बच्चों की परेशानी का बढ़ना लाजिमी है.
प्रदेश के 211 अंग्रेजी माध्यमों के स्कूल में 2 जुलाई से आवेदन मांगे गए थे. जिसके बाद शुक्रवार 8 जुलाई को लॉटरी निकाल दी जाएगी ,ये एडमिशन सिर्फ नए स्कूल में होंगे. जबकि पहले से चल रहे स्कूलों में एडमिशन का प्रोसेस पूरा कर लिया गया है. वर्तमान में प्रदेश में 559 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुले हुए हैं, तो वहीं नए सत्र से 211 और स्कूल इसमें शामिल हो जाएंगे. ऐसे में इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं होना भी सरकार की मंशा को ठेंगा दिखा रहा है.