जयपुर.बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देश को साल 2022 तक 'सिंगल यूज प्लास्टिक' से मुक्त करने का लक्ष्य रखा, जिसके बाद युद्ध स्तर पर सभी प्रदेशों में सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर प्रतिबंध लगाते हुए, इसके विकल्प निकाले गए. लेकिन कोरोना काल में एक बार फिर पॉलीथिन बैग, प्लास्टिक की बोतलें, फूड पैकेजिंग का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. यही नहीं सब्जी और फल विक्रेता भी कागज की थैलियां छोड़ एक बार फिर पॉलीथिन थैलियों का इस्तेमाल करने लगे हैं.
हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण- 2021 की स्टार रेटिंग में इस बार प्लास्टिक फ्री सिटी (Plastic Free City) के अंक जोड़े गए हैं, जिसका फीडबैक भी सीधे आम जनता से लिया जाएगा. लेकिन पॉलिथीन पर चालान काटने वाले निगम प्रशासन के अधिकारियों ने प्लास्टिक इस्तेमाल होने का ठीकरा शहरवासियों पर ही फोड़ दिया.
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ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने प्लास्टिक फ्री सिटी को बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि अब प्लास्टिक का वितरण करने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही शहरवासियों को प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा. कमिश्नर ने कहा कि बीते दिनों उन्होंने शहर का दौरा भी किया, उसमें सामने आया कि प्लास्टिक नालों के रुकावट की वजह भी बनी. ऐसे में नगर निगम को भी अपने दायित्वों का पालन कठोरता से करना होगा.