जयपुर. देवी भगवती की उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का आज सोमवार को तीसरा दिन है. तीसरे नवरात्रि को मां भगवती के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा और उपासना की जाती है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देवी के इस स्वरूप को शुक्र ग्रह से जोड़ा जाता है और शुक्र ग्रह को धन, वैभव और दांपत्य जीवन का कारक माना जाता है. ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह पीड़ित हो, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो या दांपत्य जीवन सुखमय नहीं हो, उन्हें देवी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा और उपासना अवश्य करनी चाहिए. उनकी कृपा से वित्तीय हालात मजबूत होंगे और दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी.
ऐसे करें देवी चंद्रघंटा की उपासना: सूर्योदय से पूर्व उठने के बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने देवी चंद्रघंटा का ध्यान करें और शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें. चंदन, कुमकुम के साथ देवी को श्वेत पुष्प अर्पित करें. इसके बाद दूध से बनी सफेद मिठाई, खीर या दूध-मिश्री का देवी को भोग लगाएं. देवी चंद्रघंटा के बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करें. इसके बाद 'या देवी सर्वभूतेषु चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः' मंत्र का जाप करें.