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Khiladi Lal Bairwa took review meeting: अधिकारियों पर खिलाड़ी लाल बैरवा भड़के, कहा- पेन, डायरी लेकर समोसा, कचौरी और चाय के लिए आते हैं अधिकारी - ETV bharat rajasthan news

राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने बुधवार को समीक्षा बैठक लेते हुए अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी (Khiladi Lal Bairwa took review meeting) जताई. उन्होंने कहा कि बैठक में अधिकारियों के पेन और कॉपी लाने और समोसा, कचोरी और चाय का सिस्टम बन गया है.

Chairman of Rajasthan Scheduled Castes Commission
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा

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Published : May 11, 2022, 8:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने बुधवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के संबंध में एक समीक्षा बैठक (Khiladi Lal Bairwa took review meeting) ली. बैठक में अधिकारियों के तैयारियों के साथ नहीं आने और दर्ज प्रकरणों के अधिकतर मामलों को राजीनामे से निपटारे पर खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जताई. बैरवा ने कहा कि बैठक में अधिकारियों के पेन और कॉपी लाने और समोसा, कचोरी और चाय का सिस्टम बन गया है.

बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन खिलाड़ी लाल बैरवा के समय पर नहीं आने और कलेक्टर के मुख्यमंत्री की वीसी में व्यस्त होने के कारण बैठक सवा दो घंटे देरी से शुरू हुई. एससी के दर्ज मुकदमों के अधिकतर फैसले राजीनामे से होने पर खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जताई, उन्होंने कहा कि एससी के मामलों में देरी होती है. जिसके कारण दूसरा पक्ष दबाव बना लेता है और राजीनामा कर मामले को निपटा दिया जाता है. यही कारण है कि अधिकतर मामलों में लोगों को सजा नहीं हो पा रही है.

राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा

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खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि मुआवजा देना महत्वपूर्ण नहीं है, दोषियों को सजा मिलना जरूरी है ताकि उनमें डर पैदा हो. कम से कम 80 फ़ीसदी मामलों में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. एससी की जमीन पर अन्य लोगों के कब्जे के मामलों को भी खिलाड़ी लाल बैरवा ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि जब तहसीलदार और पटवारी यह कह दें कि कब्जे वाली जमीन एससी की है तो इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए. यदि वह नही मानता है तो उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. बैरवा ने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले को लेकर एक अभियान चलाए और यदि किसी एससी के व्यक्ति की जमीन पर अन्य लोगों पर कब्जा हो उसे तुरंत हटाया जाए.

खिलाड़ी लाल बैरवा ने एससी के लोगों को कम लोन दिए जाने और संबंधित अधिकारी के तैयारी के साथ नहीं आने पर भी नाराजगी जताई, उन्होंने कहा कि 846 आवेदनों में से मात्र 123 लोगों को लोन दिया गया है. उन्होंने कहा कि बैंक वाले ऐसे लोगों को लोन ज्यादा देते हैं जो पैसे लेकर भाग जाते हैं. एससी का आदमी लोन लेकर कहीं भागने वाला नहीं है. अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और एससी के अधिक से अधिक लोगों को लोन देना चाहिए. अधिकारियों ने लोन देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का सुझाव दिया इस पर खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि इस पर आयोग जरूर ध्यान देगा. एससी की बिंदोरी रोकने के मामलों को लेकर बैरवा ने कहा कि ऐसे प्रकरणों को समझाइश से रोका जा सकता है.

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वहीं मीडिया से बात करते हुए खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि यदि किसी मामले में 20 साल बाद दोषी बरी हो जाता है तो यह सोचनीय विषय है. 20 साल तक पीड़ित मार सहता रहता है और उसके बाद परिणाम जीरो निकलता है, ऐसा नहीं होना चाहिए. कहीं ना कहीं हमारी व्यवस्था में कुछ कमी है. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज होते ही गवाहों के बयान होने चाहिए और उसे रिकॉर्ड में लेना चाहिए. जितनी जल्दी पीड़ित को न्याय मिलेगा उतनी ही संख्या सजा की बढ़ेगी. अधिकारियों के तैयारी के साथ मीटिंग पर नहीं आने पर खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जताई और कहा कि अधिकारियों का एक ऐसा मानस बन गया है कि मीटिंग में पेन, डायरी लेकर समोसा कचोरी एवं चाय के लिए आते हैं. हमारी मीटिंग में ऐसा नहीं होता है. बैठक में जिला कलेक्टर राजन विशाल, पुलिस महकमे व अन्य विभागोँ के अधिकारी मौजूद रहे.

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