जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार को जनसुनवाई (Congress Public Hearing) में मंत्री ममता भूपेश और महेंद्रजीत सिंह मालवीय को पहुंचना था लेकिन दोनों ही मंत्री नदारद रहे. मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय दिल्ली होने के चलते और मंत्री ममता भूपेश किसी अन्य कार्य में व्यस्त होने के चलते प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर हुई जनसुनवाई में नहीं पहुंच सकीं. दोनों मंत्रियों के जनसुनवाई में नहीं पहुंचने से आम लोगों को काफी निराशा हुई. वहीं जनसुनवाई में सीएचए ने फिर हंगामा (CHA uproar in congress public hearing jaipur) किया जिसपर पुलिस ने उन्हें बाहर कर दिया.
जनसुनवाई को पहुंचे लोग आपस में यही चर्चा करते दिखे कि जब मंत्री मिलते ही नहीं जनता से तो जनसुनवाई कार्यक्रम रखने का क्या फायदा? ऐसे में ज्यादातर फरियादियों को जनसुनवाई से निराश ही लौटना पड़ा. इसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी भी देखने को मिली. हालांकि मंत्री ममता भूपेश ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह जनसुनवाई में शामिल नहीं हो सकेंगी.
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पीसीसी ने रिजर्व में रखे थे छह मंत्री लेकिन वह व्यवस्था भी गड़बड़ाई
कांग्रेस पार्टी ने जनसुनवाई में निर्धारित मंत्री के अनुपस्थित रहने की स्थिति में 6 मंत्रियों को रिजर्व में रखा था. इनमें भंवर सिंह भाटी, प्रताप सिंह खाचरियावास, प्रमोद जैन भाया, रामलाल जाट, टीकाराम जूली और मुरारी लाल मीणा शामिल हैं, लेकिन इनमें से भी कोई मंत्री प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय नहीं पहुंचा. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस का यह प्लान भी फेल हो गया.
आज फिर सीएचए का हंगामा, पुलिस ने निकाला बाहर
कांग्रेस मुख्यालय पर होने वाली जनसुनवाई में आज फिर कोविड स्वास्थ्य सहायक (सीएचए) अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने फिर कांग्रेस कार्यालय पर नारेबाजी कर हंगामा किया. इस दौरान पुलिस ने हंगामा कर रहे सीएचए को बाहर निकाल दिया. इसका असर आम लोगों पर भी पड़ा और सख्ती के बीच लोगों को शिकायती पत्र पुलिस को दिखाने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया.