जयपुर. राजधानी में बीते 42 दिनों से शहीद स्मारक पर धरना दिए बैठे कोविड स्वास्थ्य सहायकों (CHA) की गुरुवार को नर्सिंड डे (Covid Health advisor relieved in Rajasthan) पर महापंचायत होने जा रही है. इस महापंचायत में कोविड स्वास्थ्य सहायकों की मांग है कि सरकार ने बीते दिन जिनको पदमुक्त किया था, उन्हें वापस नियुक्ति दी जाए.
राज्य सरकार ने कोरोना के दौरान अस्थाई तौर पर मेरिट के आधार पर स्वास्थ्य सहायकों की नियुक्ति की थी. जिसके लिए इन्हें राज्य सरकार की ओर से वेतन भी दिया जा रहा था. लगभग 10 महीने बाद राज्य सरकार ने कोविड-19 का प्रकोप कम होने के बाद इन स्वास्थ्य सहायकों को कार्यमुक्त कर दिया था. जिसका स्वास्थ्य सहायकों ने पुरजोर विरोध कर पिछले 42 दिनों से धरना दे रहे हैं. उनका कहना है कि अपनी जान की परवाह ना करते हुए कोरोना के समय हमने काम किया. सैकड़ों स्वास्थ्य सहायकों की कोरोना से मौत भी हो गई. जिन्हें राज्य सरकार की ओर से किसी तरह का मुआवजा भी नहीं दिया गया. हमें वापस नियुक्ति दी जाए.
पढे़ं. CHA ने CM गहलोत को भेजे खून से लिखे 1000 पोस्टल कार्ड, कहा- मांग पूरी नहीं तो चुनाव में हर्जाना भुगतेगी सरकार
स्वास्थ्य सहायकों को कुछ हुआ तो सरकार होगी जिम्मेदार: इस महापंचायत में स्वास्थ्य सहायकों के संगठन का कहना (CHA protest march in Rajasthan) है कि महापंचायत में किसान नेता, छात्र नेता, सभी वर्ग के लोग इस धरने में पहुंचेंगे. यदि आज सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो हम शहीद स्मारक से कूच करेंगे. कूच के दौरान किसी भी स्वास्थ्य सहायक के साथ कोई घटना घटती है तो उसके जिम्मेदार केवल सरकार होगी.
स्वास्थ्य सहायकों से सरकार की ओर से कई नेताओं ने मुलाकात की समझाइश का प्रयास किया गया, परंतु स्वास्थ्य सहायक अपनी मांग पर डटे रहे. वहीं सरकार का कहना है कि अस्थाई नियुक्ति को स्थाई नियुक्ति नहीं किया जा सकता, ये नियमों के तहत नहीं है. सरकार का कहना है कि जब तक स्वास्थ्य सहायकों ने कार्य किया उसका वेतन उनको समय पर दिया गया. अब जब कोरोना काल खत्म हो चुका है तो इन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया.