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CGSH कार्ड जारी करवाने के नाम पर 146 लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी गिरफ्तार - ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने सीजीएसएच कार्ड जारी करवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गुरुवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी हरियाणा निवासी शंभू सिंह और जयपुर के शास्त्री नगर निवासी प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया है.

CGSH Card Fraud Case
धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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Published : Sep 29, 2022, 10:41 PM IST

जयपुर.धोखाधड़ी के एक बड़े मामले मेंविद्याधर नगर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को (Main Accused Arrested in CGSH Card Fraud Case) धर दबोचा है. धोखाधड़ी का यह खेल कई वर्षों से चल रहा था. पुलिस की जांच में करीब 146 लोगों से धोखाधड़ी कर गबन करना सामने आया है.

डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनर्स से आजीवन हेल्थ कार्ड जारी (CGSH Card Fraud Case) करवाने के नाम पर नकद और अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करके 1 वर्ष की राशि भारत कोष में जमा कर शेष राशि का गबन करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. आरोपी शंभू सिंह रुपयों की कूट रचित रसीद जारी करके प्रोविजन हेल्थ कार्ड बनाकर आवेदकों को दे देता था. आरोपी शंभू सिंह नगर लेनदेन के रुपए आरोपी प्रदीप के माध्यम से लेता था. प्रदीप बाहर एक डेरी पर बैठकर सीजीएचएस कार्ड के लिए भारतकोष में राशि प्राइवेट रूप में जमा कराता था.

पुलिस के मुताबिक 20 सितंबर को परिवादिया अतिरिक्त निदेशक केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना मीता भसीन ने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कई लोगों के साथ सीजीएचएस कार्ड जारी करवाने के नाम पर ठगी की गई है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल टीम का गठन किया. पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी शंभू सीजीएचएस हेल्थ कार्ड शीट पर कार्य करता था. आरोपी शंभू का कार्य आवेदकों से हेल्थ कार्ड जारी करवाने के दस्तावेज प्राप्त करके उन कागजातों को सत्यापन के लिए संबंधित अधिकारी के पास भेजना होता था.

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इसके बाद सत्यापन हेल्थ कार्ड का डाटा अपलोड कर प्रोविजनल हेल्थ कार्ड जारी कर आवेदकों को देता था. हेल्थ कार्ड जारी करने के लिए भारतकोष में आजीवन, वार्षिक और प्रति माह के हिसाब से राशि जमा होती है. वार्षिक हेल्थ कार्ड के लिए 10 प्रतिशत राशि जमा करवानी होती है. कार्ड जारी करवाने के लिए आवेदकों को ऑनलाइन राशि भारत कोष में जमा करवानी होती है. आरोपी शंभू हेल्थ कार्ड जारी करवाने वाले आवेदकों से संपर्क करके भारत कोष में जमा करवाने वाली राशि अपने बैंक खातों में जमा करवाता था और नकद प्राप्त करने लग गया था.

आरोपी शंभू आवेदकों से आजीवन हेल्थ कार्ड जारी करने के लिए पूरी राशि सहयोगी प्रदीप के माध्यम से प्राप्त करके उस राशि में से वार्षिक राशि भारत कोष में जमा करवाकर भारत कोष में आजीवन राशि जमा की फर्जी रसीद जारी करके आवेदकों को देता था. आवेदकों को प्रोविजनल आजीवन हेल्थ कार्ड रसीद जारी कर देता था. असल कार्ड जारी होने के लिए डाटा अपडेट कर देता था, जिससे सीजीएचएस विभाग से आवेदकों के आजीवन हेल्थ कार्ड जारी हो गए. सीजीएचएस विभाग की ओर से जारी आजीवन हेल्थ कार्ड की जांच की गई तो भारतकोष में जारी कार्ड के पेटे आजीवन राशि जमा नहीं होकर मात्र वार्षिक राशि जमा होना पाया गया. जिसके कारण विभाग की ओर से जारी हेल्थ कार्ड को ब्लॉक कर दिया गया आवेदकों को सूचना दी गई. आवेदकों ने परेशान होकर इसकी शिकायतें करना शुरू कर दी थी.

आरोपी शंभू के बैंक खाते से कई आवेदकों से अधिक रुपए प्राप्त किए गए हैं. आरोपी ने अपने खाते से कई बार रुपए आरोपी प्रदीप कुमार को भी ट्रांसफर किए. आरोपी शंभू सिंह के विरूद्ध विभागीय जांच करके निलंबित कर दिया गया. आरोपियों ने करीब 146 केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनर्स और भारत सरकार के साथ (Fraud with Pensioners in Jaipur) धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपए का गबन किया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ करके मामले की जांच कर रही है.

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