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3 जुलाई को केंद्रीय श्रम संगठन काला छाता लेकर श्रम विभाग कार्यालय पर करेगा विरोध प्रदर्शन - रेलवे यूनियन कार्यालय

राजधानी में केंद्रीय श्रम संगठनों की रेलवे यूनियन कार्यालय पर मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई. इस दौरान केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत प्रतिरोध दिवस को 3 जुलाई को सफल बनाने का निर्णय लिया गया.

jaipur news, जयपुर समाचार
केंद्रीय श्रम संगठन काला छाता लेकर करेगा विरोध प्रदर्शन

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Published : Jun 16, 2020, 9:16 PM IST

जयपुर.केंद्रीय श्रम संगठनों की रेलवे यूनियन कार्यालय पर मंगलवार को एक बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में 3 जुलाई को आने वाले प्रतिरोध दिवस को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार की गई. इसमें केंद्रीय श्रम संगठन सीटू, एचएमएस, एटक, इंटक और सीटू संगठन के पदाधिकारियों ने भाग लिया.

इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन एलआईसी, जनरल इंश्योरेंस और इनकम टैक्स के नेताओं ने भी भाग लिया. इस दौरान केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत प्रतिरोध दिवस को 3 जुलाई को केंद्रीय श्रम संगठनों ने राजस्थान में पूरी तरह से सफल बनाने का निर्णय लिया गया.

केंद्रीय श्रम संगठन काला छाता लेकर करेगा विरोध प्रदर्शन

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एचएमएस के नेता कामरेड मुकेश माथुर ने बताया कि इस बैठक में आज के समय में देश के हालात और मजदूरों पर हो रहे हमलों के बारे में अपने विचार रखे गए है. इसी को लेकर 3 जुलाई को सुबह 11 बजे श्रम आयुक्त कार्यालय पर केंद्रीय श्रम संगठन की ओर से काला छाता लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

इसके अलावा सभी यूनियन सभी जगहों पर विरोध प्रदर्शन करेगी, यह प्रदर्शन पूरे देश भर में होगा. इसके लिए पीएम और सीएम को ट्वीटर पर अपनी मांगों को भेजकर अवगत कराया जाएगा. प्रदेश भर के सभी कारखानों के मुख्य गेट पर शिफ्ट शुरू होने और शिफ्ट छूटने के समय जैसे मांगों को लेकर प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा. साथ ही मांगों के डिस्प्ले कार्ड कागज पर बनाएंगे. वहीं, इस विरोध प्रदर्शन में केंद्रीय और राज्य सरकार कर्मचारियों के संगठन भाग लेंगे.

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बता दें कि काफी समय से कर्मचारी अपने हितों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कई बार सरकार को भी अवगत कराया गया, लेकिन कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. निजीकरण और पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर भी कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को अवगत कराया जाएगा कि कर्मचारी विरोधी नीतियों को बदले और कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाए. साथ ही कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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