जयपुर. गुर्जरों समेत एमबीसी (मोस्ट बैकवर्ड क्लास) में शामिल जातियों को नौकरियों में आरक्षण को लेकर राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है तब से एक बार फिर से प्रदेश में गुर्जर आरक्षण मुद्दा बन चुका है. इस मसले पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि विभिन्न संगठनों से जब कोई बात राजनीतिक पार्टियों से जुड़े नेताओं तक पहुंचती है तो वह अपनी बात सरकार तक पहुंचाते हैं. सचिन पायलट ने भी अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई है. इस पर निर्णय तो मुख्यमंत्री को लेना है.
गुर्जर आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग केंद्र सरकार पर दवाब बनाएं भाजपा सांसद...
इसके साथ ही डोटासरा ने कहा कि गुर्जरों को आरक्षण के नाम पर बरगलाने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है. राजस्थान में गुर्जरों समेत एमबीसी जातियों को आरक्षण दिया गया है, लेकिन इसका पूरा हल तभी निकलेगा जब इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर दिया जाएगा और यह काम केंद्र सरकार ही कर सकती है. ऐसे में राजस्थान से जब 25 सांसद भाजपा के जीत कर गए हैं तो फिर उन्हें इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचानी चाहिए.
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डोटासरा ने कहा कि राजस्थान के 25 सांसदों, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को इसको लेकर प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना चाहिए. तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब कोरोना संक्रमण के चलते विदेशों के दौरों पर नहीं जा रहे हैं तो कम से कम राजस्थान के सांसदों से मुलाकात करें और गुर्जरों और एमबीसी को दिए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करें.