राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जयपुर: जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने, जलदाय मंत्री ने की ग्रांट राशि बढ़ाने की मांग

जयपुर में जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं. जल जीवन मिशन को लेकर मिलने वाले बजट को लेकर जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं और इसके लिए 90 फीसदी अनुदान की मांग की है.

jaipur news, rajasthan news, जयपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज
जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने

By

Published : Apr 13, 2021, 10:21 PM IST

जयपुर. प्रदेश में जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं. जल जीवन मिशन को लेकर मिलने वाले बजट को लेकर जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं और जल जीवन मिशन के लिए 90 फीसदी अनुदान की मांग की है.

बीडी कल्ला ने कहा है कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना के माध्यम से 2024 तक हर घर के नल तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से 45 फीसदी ही बजट दिया जा रहा है और इतने कम बजट में 3 साल में काम पूरा होना मुश्किल लग रहा है.

प्रदेश के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला केंद्र सरकार पर इससे पहले जल जीवन मिशन को लेकर सवाल उठा चुके हैं. उनका कहना है कि जितना बजट प्रदेश को इस योजना के लिए मिलना चाहिए था. उतना बजट प्रदेश सरकार को नहीं मिल पा रहा है. जिससे जल जीवन मिशन का काम धीमी गति से चल रहा है.

पढ़ें:जयंती की पूर्व संध्या पर बाबा साहेब आंबेडकर को किया नमन, भाजपा प्रदेश कार्यालय पर जलाए दीपक

उनका कहना है कि 2013 से पहले राजस्थान के सामान्य जिलों को जल योजना के लिए 90 प्रतिशत और मरूस्थलीय जिले के लिए 100 फीसदी ग्रांट राशि मिलती थी. लेकिन अब केवल 45 प्रतिशत ही बजट मिल रहा है.

इसके अलावा बीडी कल्ला का कहना है कि राजस्थान में गांव और ढाणियों के बीच की दूरी कई किलोमीटर तक है. ऐसे में जल जीवन मिशन के तहत एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ना आसान नहीं है. मरुस्थलीय इलाकों में पानी की समस्या वैसे ही ज्यादा है. प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति कठिन होने के कारण जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने जल जीवन मिशन के तहत ग्रांट राशि बढ़ाने की मांग की है. ताकि जल जीवन मिशन का काम तय समय पर पूरा हो सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details