जयपुर.बसंत पंचमी का पर्व आज शनिवार को देशभर में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया (Happy Basant Panchami 2022) जा रहा है. इस मौके पर राजधानी जयपुर के श्री राधा-गोविंददेवजी मंदिर में पाटोत्सव का आयोजन (Celebration On Basant Panchmi at Jaipur) किया गया. जयपुर के आराध्य राधा-गोविंददेवजी आज बसंती रंग में रंगे नजर आए. सीएम गहलोत ने भी इस पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है.
महिलाओं और युवतियों ने पीले और सफेद वस्त्र पहनकर एक-दूसरे को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दी. जयपुर के आराध्य राधा-गोविंददेवजी मंदिर में सुबह मंगला आरती के बाद ठाकुरजी का अभिषेक किया गया.आज से यानि बसंत पंचमी से ठाकुर जी को गुलाल अर्पित करना शुरू हो जाएगा जो होली तक जारी रहेगा.
बंगाल का एक संप्रदाय जिसके ग्रंथ में है देव वर्णन राधारानी-ठाकुरजी को पीले रंग की पोशाक धारण करवाई गई. शृंगार आरती के बाद माता सरस्वती का पूजन किया गया. शृंगार में भी गेंदा और गुलदाउदी सहित अन्य पीले रंग के पुष्पों का उपयोग किया गया.
पढ़ें- Special: बसंत पंचमी को रखी गई थी भरतपुर किले की नींव, 13 हजार श्रमिकों ने 8 साल तक किया था निर्माण...तब बना अभेद्य दुर्ग
सीएम ने दी शुभकामनाएं: सीएम अशोक गहलोत ने दी बसंत पंचमी के अवसर पर शुभकामनाएं (CM Greetings On Basant Panchami 2022) दी हैं. उन्होंने कहा, विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का यह पर्व हमें शिक्षा के माध्यम से सदैव उन्नति के पथ पर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है. आशा है बसंत ऋतु सभी के जीवन में नई ऊर्जा, उमंग और उल्लास का संचार करे.
ये भी पढ़ें- बसंत पंचमी 2022: सरस्वती माता की पूजा से मिलता है ज्ञान और विद्या का आशीर्वाद, पूजा स्थान पर जरूर रखें ये खास चीज
आज के दिन का मंदिर में महत्व:आज के दिन यानि माघ शुक्ला पंचमी तिथि को ठाकुर जी का पाटोत्सव (Patotsav In GovindDev Ji Temple) यानी उनका स्थापना दिवस मनाया जाता है. माघ शुक्ला पंचमी को ही श्री रूप गोस्वामी ने ठाकुर श्री गोविंददेवजी को प्रगट किया था. बंगला भाषा के माध्व गौड़ीय संप्रदाय के ग्रंथ भक्ति रत्नाकर में गोविंददेव जी का वर्णन है. ग्रंथ के द्वितीय तरंग में स्पष्ट लिखा है कि 'श्री गोविंद प्रगटे होइलो रूप द्वारे' यानी रूप गोस्वामी ने ठाकुर श्री गोविंद देवजी को प्रगट किया.