जयपुर. जिले के कलेक्ट्रेट पर रविवार को लांस नायक महेंद्र सिंह की विधवा पत्नी अपने पति के मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गई. प्रदर्शन में उसके साथ दो बच्चे, परिवार के अन्य लोग और कई समर्थक शामिल थे. फौजी की पत्नी ने कहा है कि जब तक उनको न्याय नहीं मिल जाता वह यहां से नहीं उठेगी. वहीं पत्नी ने साथी जवानों पर हत्या का आरोप लगाया है. सेना ने भी पहले उसे शहीद का दर्जा दे दिया और उसकी दाह संस्कार के साढ़े तीन महीने बाद उसकी मौत को सुसाइड बता दिया.
पति की मौत पर पत्नी ने की सीबीआई जांच की मांग बता दें कि लांस नायक महेंद्र सिंह 268 फील्ड रेजिमेंट में अरुणाचल में तैनात थे. सेना के अनुसार लांस नायक महेंद्र सिंह ने डयूटी के दौरान सुसाइड कर लिया था, जबकि परिजनों को शक है कि महेंद्र सिंह की हत्या की गई है. इसीलिए लांस नायक महेंद्र सिंह के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उनकी पत्नी निर्मला देवी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर रविवार को भूख हड़ताल पर बैठ गई.
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मृतक लांस नायक महेंद्र सिंह की पत्नी निर्मला देवी ने बताया कि 14 दिसंबर 2016 को उनके पति की मौत हुई थी. उन्होंने बताया कि साढ़े तीन महीने बाद सेना ने उनकी मौत को आत्महत्या बता दिया. उनकी मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच कर सच्चाई का पता लगाया जाए और देश के गद्दारों को सजा दी जाए. निर्मला देवी ने कहा कि उनके साथियों ने ही उनकी हत्या कर दी. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जांच के लिए वह सेना के चीफ, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री तक को पत्र लिख चुकी है, लेकिन अभी तक इस मामले की कोई भी जांच नहीं हुई है और वे ढ़ाई साल से सच्चाई का पता लगाने के लिए चक्कर काट रही है.
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वहीं निर्मला देवी के साथ भूख हड़ताल पर बैठी समाजसेवी सुदेश ने बताया कि वह 5 साल से जंतर-मंतर पर वन पेंशन वन रैंक के लिए लड़ाई लड़ रही है और वह खुद मेजर की पत्नी है. उन्होंने कहा कि निर्मला देवी ने हर जगह इस मामले की जांच के लिए गुहार लगाई है. जनरल रावत को भी पत्र लिखा गया है. सुदेस ने बताया कि उनकी पत्नी से निर्मला कंवर की मुलाकात हो चुकी है लेकिन अब तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. निर्मला देवी ने पेंशन को भी ठुकरा दिया है और वह अपना बच्चों का गुजारा मजदूरी से कर रही है.
यह है तथ्य जिनके कारण परिजनों को शक है हत्या का
प्रदर्शन में साथ आए समाजसेवी सुधीर यादव ने बताया कि जब भी कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार वालों को एएफएमएस 93 का फॉर्म दिया जाता है, जिसमें मौत का कारण भी लिखा होता है और जो फॉर्म महेंद्र सिंह के परिजनों को दिया गया है उसमें किल इन एक्शन लिखा गया है और यह उसमें तब लिखा जाता है जब जवान शहीद होता है. उन्होंने कहा कि लांस नायक महेंद्र सिंह का दाह संस्कार के साढ़े तीन महीने बाद उनकी मौत को सुसाइड करार दे दिया जाता है. उन्होंने कहा कि परिजनों को जो पेपर दिए जा रहे हैं उसमें पेंशन का फॉर्म नंबर 8 भी खाली छोड़ा हुआ है और उसमें मौत का कारण भी नहीं लिखा हुआ है. सुधीर यादव ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में महेंद्र सिंह की मौत 14 दिसंबर 2016 को दोपहर 12:25 पर दिखाई जा रही है और पोस्टमार्टम में वही मौत का कारण 15 दिसंबर को 10:10 का बताया गया है. इसके अलावा जो गवाह नंबर 5 है उसने कहा है कि 14 दिसंबर की रात्रि को उसने मेरे साथ डयूटी की है तो यह कैसे संभव हो सकता है.
सुधीर यादव ने बताया कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में 14 दिसंबर 2016 को लंच में 12:25 पर गोली मारने का जिक्र है और यह भी कहा गया है कि यह सब 10 सेकंड में हुआ है जो कि संभव नहीं है. यादव ने बताया कि ट्रक में सवार 15 लोगों के अलग-अलग बयान हैं. यादव ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सभी 15 लोगों को क्लीन चिट दे दी गई है. उन्होंने कहा कि जब पोस्टमार्टम कराया गया तो उसमें महेंद्र सिंह का एक दांत टूटा हुआ था और एक हाथ में फैक्चर था. सुधीर ने बताया कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में तीन डॉक्टरों से पोस्टमार्टम कराया जाता है जबकि इसमें असिस्टेंट डॉक्टर ने साइन कर रखे हैं.
बड़े बैनर पर लिखे थे आरोपियों के नाम
भूख हड़ताल को लेकर एक बड़ा बैनर भी तैयार किया गया था. इस बैनर पर लांस नायक महेंद्र सिंह की फोटो लगी थी. बैनर की खास बात थी कि इस पर आरोपियों के नाम भी लिखे थे और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी. वहीं जिन आरोपियों के नाम लिखे थे उनमें मेजर अनिल धीमन, लांस नायक प्रकाश, डीके शर्मा, मंडल, फिरोज खान, लांस नायक किशोर कुमार, और विरेंद्र के नाम शामिल थे.