जयपुर. केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 43वीं जीएसटी परिषद् की वर्चुअल बैठक हुई. बैठक में टीके, दवा, ऑक्सीजन और अन्य कोविड राहत सामग्री पर 5 से 12 प्रतिशत जीएसटी वसूलने पर राजस्थान, पंजाब बंगाल सहित अन्य राज्यों ने आपत्ति दर्ज करवाई. सभी ने मांग की है कि इन पर जीएसटी जीरो रेटिंग करके इन्हें जीएसटी से मुक्त किया जाये.
कोविड से जुड़ी सामग्री को लेकर बहस
बैठक में राजस्थान से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने हिस्सा लेते हुए कहा कि केन्द्र सरकार 18 से 45 साल की उम्र वालों के लिये व्यवस्था राज्यों पर ही डाल दी. वैक्सीन कम्पनियों से एक ही टीके के लिए तीन अलग-अलग दर तय कराई हैं, जो अनुचित है. राज्यों को अलग से ग्लोबल टेंडर जारी करना पड़ा जो किसी विकसित देश में भी नहीं हुआ. कोविड-19 के दौरान भी केन्द्र सरकार टीके पर 5 प्रतिशत जीएसटी एवं अन्य कोविड राहत सामग्री जैसे ऑक्सीजन सिलेण्डर, दवा आदि पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल कर रही है, जो उचित नहीं है.
धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टीके को जीएसटी से मुक्त करने लिए वित्त मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखा है. इन परिस्थितियों में राजस्व घाटे की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान करना केन्द्र सरकार का उत्तरदायित्व है.
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सौतेला व्यवहार करने का आरोप
धारीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंकर, आवश्यक दवाई, वैक्सीनेशन आदि बीजेपी शासित राज्यों को भरपूर दे रही है. जबकि गैर बीजेपी शासित राज्य इनके लिए तरस रहे हैं. केन्द्र सरकार का यह सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है. केन्द्र सरकार को सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए तथा वैक्सीन की जिम्मेदारी स्वयं को उठानी चाहिए. नगरीय विकास आवासनऔर स्वायत्त शासन मंत्री शांति शांति धारीवाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पूरे प्रदेश के लिये घातक रही.
संक्रमण दर और मृत्युदर दोनों ज्यादा थे. वैश्विक महामारी के दौरान सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद भी राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दुरगामी सोच, मेहनत और नेतृत्व में शुरू से सजग रहकर कई कदम उठाये हैं. माह अप्रैल से ही राजस्थान में जन अनुषासन पखवाडा, महामारी रेड अलर्ट एवं वीकेण्ड कफ्र्यू आदि जैसी कई पाबंदियां लगायी गयी. जिससे कोविड-19 पर काफी हद तक काबू पाया जा सका. राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियाॅ शुरू कर दी गई है. इसके लिए 1000 डाॅक्टर, 25000 नर्सिंग स्टाॅफ नये भर्ती किये जा रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर के अस्पतालों को कोविड हाॅस्पिटल घोषित किया गया है. प्रदेश में ब्लैक फंगस को घातक बीमारी घोषित किया गया है.
यह रखी मांग
- वर्ष 2020-21 में राज्य को 4604 करोड़ रुपए जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण के रूप में जारी किए गए हैं. इस राशि को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के मद में समायोजित किया जाए.
- जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अवधि को पांच वर्ष के लिए बढ़ाकर वर्ष 2027 तक किया जाए.
- वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के 4 प्रतिशत शुद्ध उधार की सीमा निर्धारित की है, जिसे 5 प्रतिशत किया जाए.
- 1 प्रतिशत अतिरिक्त उधार की सीमा को बढ़ाकर 2 प्रतिशत अनुमत की जाए.
- वैक्सीन पर से जीएसटी पूर्णतया हटाया जाए। इसे निर्यात की तरह जीरो रेटेड रखा जा सकता है.
- कोविड रिलीफ मैटेरियल यथा ऑक्सीजन और इसके उपकरण वेन्टिलेटर, रेमडेसिवीर आदि पर भी 31 मार्च, 2022 तक जीएसटी से छूट प्रदान की जानी चाहिए.