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एसडीएम कोर्ट को आमेर तहसील में स्थानांतरित करने का मामला और गहराया, वकीलों ने शुरू किया क्रमिक अनशन

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से एसडीएम कोर्ट को आमेर ले जाने के निर्णय के खिलाफ वकीलों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. लंबे समय से जयपुर के वकील इस कोर्ट को स्थानांतरित करने के खिलाफ लामबंद है और लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इसके बावजूद भी कोई निर्णय नहीं होने से वकील नाराज है.

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एसडीएम कोर्ट के स्थानांतरण का मामला

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Published : Jan 10, 2020, 9:21 PM IST

जयपुर. कलेक्ट्रेट से आमेर एसडीएम कोर्ट को आमेर तहसील में स्थानांतरित करने का मामला गहराता जा रहा है. इसे लेकर जहां जयपुर कलेक्ट्रेट में वकीलों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है, तो वहीं आमेर के वकील और लोग चाहते हैं कि यह एसडीएम कोर्ट आमेर तहसील में ही रहे.

एसडीएम कोर्ट के स्थानांतरण का मामला

इधर कलेक्ट्रेट में क्रमिक अनशन कर रहे वकीलों ने साफ कर दिया है कि जब तक एसडीएम कोर्ट को वापस कलेक्ट्रेट में स्थापित नहीं किया जाता है. उनका क्रमिक अनशन जारी रहेगा. बता दें कि 20 दिसंबर से वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार भी कर रखा है.

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डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुनील शर्मा ने बताया कि 20 दिसंबर से आंदोलन किया जा रहा है और 8 जनवरी से कलेक्ट्रेट में वकीलों का क्रमिक अनशन है. जयपुर संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने कोर्ट के स्थानांतरण को सही नहीं माना है और इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है. सुनील शर्मा ने साफ किया है कि जब तक आमेर कोर्ट को वापस जयपुर कलेक्ट्रेट में स्थापित नहीं किया जाता है. उनका क्रमिक अनशन जारी रहेगा.

सुनील शर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया जाता है तो 15 जनवरी के बाद आंदोलन में आमेर के सभी जनप्रतिनिधियों, सरपंच, जिला परिषद सदस्यो को भी शामिल किया जाएगा और उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

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उन्होंने कहा कि कुछ ही गांव को फायदा पहुंचाने के लिए तहसील में आमेर एसडीएम कोर्ट को स्थापित किया है. कुछ वकील भी आमेर तहसील में ही कोर्ट को रखने की मांग कर रहे हैं. इस पर सुनील शर्मा ने कहा कि वह हमारे ही साथी हैं और उन से समझाइश की जाएगी. सुनील शर्मा ने कहा कि आमेर तहसील में 20 से 25 गांव के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए आमेर तहसील में कोर्ट का स्थानांतरण किया गया है. जो कि सीकर रोड पर डेढ़ सौ गांव है, जिन्हें आमेर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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