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बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए पानी नहीं देने का मामला, किसान महापंचायत ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का दिया नारा

बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए पानी नहीं देने के मामले में किसान महापंचायत ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है. किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने चेतावनी दी है कि पंचायत चुनाव में किसान विरोधी बिल लाने वाली केंद्र सरकार और 256 गांवों को पानी नहीं देने वाली गहलोत सरकार को सबक सिखाया जाएगा.

Kisan Mahapanchayat,  Case of not providing water for irrigation from Bisalpur dam
किसान महापंचायत ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का दिया नारा

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Published : Nov 22, 2020, 4:12 PM IST

जयपुर.बीसलपुर बांध से 256 गांव में सिंचाई के लिए पानी नहीं दिए जाने का मामला अब सियासी तूल पकड़ने लगा है. किसान महापंचायत ने इस मामले में इन गांवों के किसानों से अपील की है कि वे 'पानी नहीं तो वोट नहीं' के नारे पर काम करें. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में किसान के विरोध में काम करने वाली सरकारों को सबक सिखाएं. महापंचायत अध्यक्ष रामपाल जाट ने एक बयान जारी कर किसानों से अपील की है.

किसान महापंचायत ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का दिया नारा

रामपाल जाट ने कहा कि 256 गांव की 81,800 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने के कारण यहां चना और सरसों की फसल सूख रही है. इससे किसान परेशान हैं, लेकिन प्रदेश सरकार को किसानों की व्यथा नजर नहीं आ रही है. रामपाल जाट ने कहा कि आगामी कुछ दिनों के भीतर ही यहां पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा.

पढ़ें-बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए पानी देने का मामला..CM गहलोत ने रामपाल जाट से की वार्ता

जाट ने 256 गांवों के किसानों से अपील की है कि वे इन चुनावों में वोट की चोट देकर किसान विरोधी कानून बनाने वाली केंद्र सरकार और सिंचाई का पानी नहीं देने वाली राज्य सरकार को सबक सिखाएं. उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून बनाकर किसानों के हितों पर कुठाराघात किया और अब प्रदेश सरकार बीसलपुर बांध का पानी टोंक के ही 256 गांव में सिंचाई के लिए ना देकर किसानों की फसलों को बर्बाद करने का काम किया है.

ऐसे में यदि मतदान के दिन तक सरकार इस बारे में कुछ सकारात्मक फैसला नहीं लेती है तो किसान अपने वोट की चोट से सबक सिखाने का काम करें. किसान महापंचायत अध्यक्ष के अनुसार यदि इन चुनाव में कोई मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा हुआ है, जिसको किसान वोट देना चाहते हैं तो उसे वोट दें वरना नोटा का उपयोग करें.

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