जयपुर. कोरोना संकट के दौर में प्रतियोगी परीक्षाएं अटकने से राजस्थान के करीब 40 लाख बेरोजगारों का सरकारी नौकरी लगने का सपना फिलहाल 'लॉक' हो गया है. लेकिन कई ऐसे भी बेरोजगार हैं जो पहले हुई प्रतियोगी परीक्षा पास कर चयनित हो चुके हैं, लेकिन तकनीकी अड़चनों का कारण उन्हें नियुक्ति का आज भी इंतजार है.
ऐसा ही एक मामला साल 2018 में हुई एएनएम भर्ती का भी सामने आया है. इस भर्ती में शामिल होकर मेरिट में चयनित हुए करीब 1,041 अभ्यर्थी आज भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन तकनीकी दिक्कत आड़े आने से अभी तक इन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है.
दरअसल, ये सभी अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने अलीगढ़ की जामिया उर्दू से दसवीं या बाहरवीं कक्षा पास की थी. उस समय राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जामिया उर्दू को मान्यता दे रखी थी, लेकिन बाद में बोर्ड ने जामिया उर्दू, अलीगढ़ की मान्यता निरस्त कर दी. इन अभ्यर्थियों को आवेदन करने से लेकर परीक्षा देने तक की प्रक्रिया के बीच कहीं कोई अड़चन नहीं आई, लेकिन मेरिट में चयनित होने के बाद इन्हें यह कहकर नियुक्ति देने से मना कर दिया गया कि इन्होंने जामिया उर्दू से सेकेंडरी या सीनियर सेकेंडरी पास की है और चूकि जामिया उर्दू को बोर्ड से मान्यता नहीं है. इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा सकती है. तब से यह अभ्यर्थी हर स्तर पर अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
फिलहाल, इनका मामला कोर्ट में भी चल रहा है. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने अब तक लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन उन्हें नियुक्ति का इंतजार है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इनका चयन एएनएम भर्ती 2018 में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर होने के बावजूद भी उन्हें आज तक नियुक्ति नहीं मिली है. अभ्यर्थी बताते हैं कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के आदेश क्रमांक मान्यता/ईक्यू/170/2002 दिनांक 31.07.2002 के द्वारा जामिया उर्दू अलीगढ़ बोर्ड द्वारा आयोजित अदबी परीक्षा को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा के समकक्ष मान्यता दी गई थी. बाद में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के आदेश क्रमांक मान्यता/ईक्यू/1046-1053 दिनांक 25.07.2011 के आदेशानुसार इस तारीख के बाद जामिया उर्दू, अलीगढ़ की मान्यता समाप्त कर दी गई.