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Special : एएनएम भर्ती-2018 के 1,041 अभ्यर्थियों को नियुक्ति का इंतजार, जामिया उर्दू की मान्यता के चक्कर में अटका मामला

राजस्थान में एएनएम भर्ती 2018 के करीब 1,041 अभ्यर्थी आज भी नियुक्ति मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर अभ्यर्थी ऐसे हैं जो अलीगढ़ की जामिया उर्दू से दसवीं या बाहरवीं पास हैं. शिकायत पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जामिया उर्दू की मान्यता खत्म कर दी और उसका खामियाजा इन अभ्यर्थियों को उठाना पड़ रहा है. बोर्ड और जामिया उर्दू के झोल में फंसे इन 1041 अभ्यर्थियों की पीड़ा पर देखिए जयपुर से यह खास रिपोर्ट...

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Published : Jun 13, 2021, 7:43 PM IST

Updated : Jun 13, 2021, 7:59 PM IST

candidates still awaiting for appointment
जामिया उर्दू की मान्यता के चक्कर में अटका मामला

जयपुर. कोरोना संकट के दौर में प्रतियोगी परीक्षाएं अटकने से राजस्थान के करीब 40 लाख बेरोजगारों का सरकारी नौकरी लगने का सपना फिलहाल 'लॉक' हो गया है. लेकिन कई ऐसे भी बेरोजगार हैं जो पहले हुई प्रतियोगी परीक्षा पास कर चयनित हो चुके हैं, लेकिन तकनीकी अड़चनों का कारण उन्हें नियुक्ति का आज भी इंतजार है.

ऐसा ही एक मामला साल 2018 में हुई एएनएम भर्ती का भी सामने आया है. इस भर्ती में शामिल होकर मेरिट में चयनित हुए करीब 1,041 अभ्यर्थी आज भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन तकनीकी दिक्कत आड़े आने से अभी तक इन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है.

अभ्यर्थियों को नियुक्ति का इंतजार

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दरअसल, ये सभी अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने अलीगढ़ की जामिया उर्दू से दसवीं या बाहरवीं कक्षा पास की थी. उस समय राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जामिया उर्दू को मान्यता दे रखी थी, लेकिन बाद में बोर्ड ने जामिया उर्दू, अलीगढ़ की मान्यता निरस्त कर दी. इन अभ्यर्थियों को आवेदन करने से लेकर परीक्षा देने तक की प्रक्रिया के बीच कहीं कोई अड़चन नहीं आई, लेकिन मेरिट में चयनित होने के बाद इन्हें यह कहकर नियुक्ति देने से मना कर दिया गया कि इन्होंने जामिया उर्दू से सेकेंडरी या सीनियर सेकेंडरी पास की है और चूकि जामिया उर्दू को बोर्ड से मान्यता नहीं है. इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा सकती है. तब से यह अभ्यर्थी हर स्तर पर अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.

आदेश और पत्र की कॉपी...

फिलहाल, इनका मामला कोर्ट में भी चल रहा है. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने अब तक लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन उन्हें नियुक्ति का इंतजार है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इनका चयन एएनएम भर्ती 2018 में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर होने के बावजूद भी उन्हें आज तक नियुक्ति नहीं मिली है. अभ्यर्थी बताते हैं कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के आदेश क्रमांक मान्यता/ईक्यू/170/2002 दिनांक 31.07.2002 के द्वारा जामिया उर्दू अलीगढ़ बोर्ड द्वारा आयोजित अदबी परीक्षा को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा के समकक्ष मान्यता दी गई थी. बाद में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के आदेश क्रमांक मान्यता/ईक्यू/1046-1053 दिनांक 25.07.2011 के आदेशानुसार इस तारीख के बाद जामिया उर्दू, अलीगढ़ की मान्यता समाप्त कर दी गई.

क्या कहना है अभ्यर्थियों का...

इन अभ्यर्थियों का कहना है कि 31.07.2002 से 25.07.2011 के बीच राजस्थान की हजारों बालिकाओं ने जामिया उर्दू अलीगढ़ बोर्ड द्वारा आयोजित अदबी परीक्षा पास कर राजस्थान के राज्य महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था. राजस्थान सरकार द्वारा एएनएम भर्ती 2018 में चयनित अन्य बोर्डों से उत्तीर्ण छात्राओं को एएनएम के पद पर नियुक्ति प्रदान कर दी गई, लेकिन जामिया उर्दू बोर्ड अलीगढ़ से उत्तीर्ण छात्राओं को चयन होने के बाद भी आज तक नियुक्ति नहीं दी गई है.

जामिया उर्दू की मान्यता के चक्कर में अटका मामला...

ये अभ्यर्थी बताती हैं कि निदेशालय चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं, जयपुर के आदेश क्रमांक प्रशि/म.स्वा.कार्यकर्ता/प.28/पार्ट-2/2011/2209 दिनांक 29.11.2011 के अनुसार, जामिया उर्दू बोर्ड, अलीगढ़ से 25 जुलाई 2011 से पहले आयोजित अदबी परीक्षा पास करने वाली अभ्यर्थियों को मेरिट में शामिल करने के आदेश दे दिए गए थे. लेकिन आज तक मेरिट में चयनित एएनएम को नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है.

अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक सबसे गुहार...

इन अभ्यर्थियों का कहना है कि वे अपनी इस मांग को लेकर अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक सबसे गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके, अभी तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है. उनका तर्क है कि जब जामिया उर्दू बोर्ड, अलीगढ़ के प्रमाण पत्र के आधार पर उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया गया, एएनएम भर्ती 2018 में उनका आवेदन लिया गया और परीक्षा भी ली गई. ऐसे में अब मेरिट में शामिल करने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं देना सरासर गलत है. कोरोना संकट के दौर में ये अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए ये अभ्यर्थी अब सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं.

Last Updated : Jun 13, 2021, 7:59 PM IST

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