राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

एसएमएस अस्पताल ने रचा इतिहास...मरीज को बिना चीरा लगाए किया कैंसर का इलाज - Cancer treatment

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल ने अपने नाम एक और रिकॉर्ड बनाया है. अस्पताल ने बिना चीरा लगाए एक मरीक के कैंसर का इलाज किया (Cancer treatment in SMS Hospital without incision) है. चिकित्सकों का कहना है कि बिना चीरा लगाए इलाज वाली इस नई तकनीक का नाम स्टीरियोटेक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी (एसबीआरटी) है. चिकित्सकों का दावा है कि ऐसा करना वाला एसएमएस राज्य का पहला अस्पताल बन गया है.

Cancer treatment in SMS Hospital without incision by Stereotactic body radiation therapy
एसएमएस अस्पताल ने रचा इतिहास...मरीज को बिना चीरा लगाए किया कैंसर का इलाज, ये है वो तकनीक

By

Published : Aug 6, 2022, 5:48 PM IST

जयपुर.सवाई मानसिंह अस्पताल में अब कैंसर मरीजों को दर्द रहित इलाज मिल सकेगा. सवाई मानसिंह अस्पताल के रेडियोथेरेपी विभाग ने एसबीआरटी तकनीकी से कैंसर मरीज का इलाज बिना चीरा लगाए किया (Cancer treatment in SMS Hospital without incision) है. अस्पताल के चिकित्सकों ने दावा किया है कि इस तरह का ऑपरेशन करने वाला एसएमएस अस्पताल राज्य का पहला सरकारी क्षेत्र का अस्पताल है.

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा का कहना है कि जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल हर दिन नए इतिहास रच रहा है. इसी के तहत अब अस्पताल के रेडियोथेरेपी विभाग ने अत्याधुनिक स्टीरियोटेक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी (एसबीआरटी) तकनीक से कैंसर पीड़ित का इलाज किया है. डॉक्टर बगरहट्टा का कहना है कि जिस मरीज का इलाज इस नई तकनीकी से किया गया है, उसे ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज थी. ऐसे में आमतौर पर मरीज का बचना काफी मुश्किल होता है.

पढ़ें:राजस्थानः जयपुर के जेके लोन में कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए बनेगा 100 बेड का फेब्रिकेटेड वार्ड

इस मरीज का एसएमएस अस्पताल में लंबे समय से इलाज चल रहा था और कीमोथेरेपी द्वारा मरीज को इलाज दिया जा रहा था. लेकिन इलाज के बाद भी मरीज के फेफड़े में एक गांठ बच गई. आमतौर पर इस तरह की गांठ को ऑपरेशन करके हटाया जाता है, लेकिन अस्पताल के रेडियोथेरेपी विभाग ने एसबीआरटी के जरिए इस गांठ को हटाया. इलाज करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि इस तकनीकी से कैंसर का इलाज करने वाला एसएमएस अस्पताल प्रदेश का पहला सरकारी क्षेत्र का अस्पताल बन गया है.

पढ़ें:Positive News On Cancer: तीन बार कैंसर को हराया, अब उपचार में अपनाई बीएमटी प्रकिया...रोगी ने खुद के Bone Marrow से करवाया ट्रांसप्लांट

उन्होंने बताया कि इस तकनीक के जरिए किसी भी प्रकार का चीरा नहीं लगाया जाता और कैंसर की गांठ पर सीधा रेडिएशन दिया जाता है. रेडिएशन की डोज के लिए 3D इमेज का उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से शरीर के अन्य टिशू को नुकसान नहीं पहुंचता. इस ऑपरेशन को डॉक्टर संदीप जैन, डॉ आर एस गोठवाल, डॉक्टर नीतू जैन, डॉ मुकेश साकरिया की टीम ने अंजाम दिया. चिकित्सकों का कहना है कि अब मरीज बिल्कुल स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details