जयपुर.साल के शुरुआती महीनों से ही देश के लगभग सभी कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में कैंपस प्लेसमेंट के लिए कई कंपनियां विजिट करती है. लेकिन इस बार तो कोरोना की ऐसी मार पड़ी कि कैंपस भी तीन महीने से सूने नजर आ रहे है. ऊपर से आईटी व एमबीए कंपनियां भी नई भर्तियां नहीं कर रही, जिससे कैंपस प्लेसमेंट पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है. हालांकि, शिक्षाविदों की मानें तो भविष्य में एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी में छात्रों के लिए वैकेंसी की भरमार आएगी.
बता दें कि आईआईएम हो या एनआईटी या फिर प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान हो, यहां पढ़ने वाले लाखों छात्रों को कोर्स के आखिरी साल में कैंपस प्लेसमेंट का इंतजार रहता है. ऐसे में देश-विदेश की प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल, प्रोडक्शन, सिविल और कंस्ट्रक्शन, मेडिकल एंड हेल्थ, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट में विद्यार्थियों का चयन करती हैं. इनमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एवं रेगुलर डिग्री के छात्र अंतिम वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के साथ ही विभिन्न कंपनियों में पदभार संभालते है.
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इसमें चयनित विद्यार्थियों के पैकेज लाखों-करोड़ों में होते हैं. लेकिन कोरोना की मार इस बार ऐसी पड़ी कि देश-विदेश की कंपनियों के कामकाज प्रभावित हुए है. ऐसे में अधिकतर आईटी कंपनियां तो वर्क फ्रॉम होम काम करवा रही हैं और नई भर्तियों में किसी प्रकार का कोई इंटरेस्ट भी नहीं दिखा रही.
कई छात्रों का हो चुका है चयन