जयपुर. दिल्ली चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कांग्रेस अब यह कहती नजर आ रही है कि वह दिल्ली के चुनाव में कभी जीत के दावेदार नहीं थे. वे केवल कार्यकर्ताओं के कहने पर ही दिल्ली में चुनाव लड़े थे और वहां प्रचार-प्रसार किया था. लेकिन हकीकत यह है कि राजस्थान के नेताओं ने भी दिल्ली के चुनाव में जमकर प्रचार किया था.
प्रदेश के 70 नेताओं का प्रचार भी नहीं जीता सका दिल्ली में कांग्रेस प्रत्याशियों को राजस्थान के नेताओं में चाहे वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हो या उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, दोनों नेताओं ने राजस्थान के 70 मंत्रियों, विधायकों और नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली में प्रचार-प्रसार किया था. लेकिन राजस्थान के नेताओं का क्रेज दिल्ली में नहीं चल सका. हर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को हार मिली है.
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वहीं, सबसे ज्यादा प्रचार-प्रसार राजस्थान के नेताओं ने दिल्ली विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव के लिए किया था, जो राजस्थान विधानसभा चुनाव में सह-प्रभारी की भूमिका में थे. लेकिन राजस्थान के नेता देवेंद्र यादव के लिए कुछ खास नहीं कर सके. देवेंद्र यादव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राजस्थान कांग्रेस के मंत्री, विधायक और नेता सभी ने देवेंद्र यादव के लिए प्रचार किया था, लेकिन नतीजों पर इसका असर नहीं दिखाई दिया और देवेंद्र यादव तीसरे स्थान पर रहे.
राजस्थान से दिल्ली गए हर नेता ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार किया था, तो वहीं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिल्ली विधानसभा के साथ ही कस्तूरबा नगर, सदर बाजार विधानसभा और मॉडल टाउन विधानसभा में प्रचार किया था लेकिन सभी जगह कांग्रेस प्रत्याशियों की हार हुई है. बता दें कि मॉडल टाउन से कांग्रेस के दिग्गज किसान नेता रहे शीशराम ओला की पौत्रवधू आकांक्षा ओला तो अपनी जमानत भी नहीं बचा सकी हैं.