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हिंगोनिया गोशाला में भूख से तड़पकर 4 दिन में 150 गायों की मौत

हिंगोनिया गोशाला में चारे की कमी के कारण भूख  से तड़पकर गायों की बड़ी संख्या में मौत होने का मामला सामने आया है. आरोप है कि निगम ने जानकारी होने के बाद भी चारे को लेकर समय पर कोई कदम नहीं उठाया....

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Published : Feb 15, 2019, 3:31 PM IST

जयपुर . हिंगोनिया गौशाला में चारे की कमी के चलते भूख से तड़पकर गुरुवार को 80 से ज्यादा गायों ने दम तोड़ दिया. इससे पहले मंगलवार को भी इसी तरह करीब 70 गायों की मौत हो गई थी. गौशाला की देखरेख कर रहे श्रीकृष्ण बलराम सेवा ट्रस्ट अक्षय पात्र के पदाधिकारियों की मानें तो 6 फरवरी को नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर चारा नहीं होने की स्थिति से अवगत करा दिया था. बावजूद इसके निगम प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया. चार दिन में करीब डेढ़ सौ गायों की मौत के बाद अब निगम प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए हैं लापरवाही बरतने के आरोप में प्रभारी राजेंद्र चित्तोड़िया और चिकित्सक डॉ. कमलेश मीना को सस्पेंड कर दिया.

वहीं आयुक्त ने शाम तक करीब तीन करोड़ रुपए अक्टूबर का भुगतान कर दिया. साथ ही शुक्रवार को अतिरिक्त निगम आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई जाएगी. जो तीन दिन में रिपोर्ट निगम आयुक्त को सौंपेगी. इससे पहले जब ईटीवी भारत जमीनी पड़ताल के लिए हिंगोनिशा गौशाला पहुंचा तो वहां की हक़ीक़त भयावह देखने को मिली. गौशाला में मृत गायों को एक गड्ढे में दबाया जा रहा था. वहीं पशु आहार के लिए बनाया गया चारे का गोदाम पूरी तरह खाली दिखाई दिया. अक्षय पात्र के अधिकारियों ने बताया कि यहां गोवंश के लिए तकरीबन 80 से 100 टन चारे की हर रोज जरूरत होती है. लेकिन बीते 4 दिन से यहां आपूर्ति ठप पड़ी है. हिंगोनिया गोशाला समन्वयक राधा प्रियदास ने बताया कि नगर निगम पर 12 करोड़ रुपए का बकाया है.

हिंगोनिया गोशाला।

बीते 4 महीने से भुगतान नहीं किया गया है. इस संबंध में महापौर से लेकर निगमायुक्त तक को शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है. बावजूद इसके कोई सुध नहीं ली गई. उधर, निगम में पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष नारायण नैनावत ने निगम की नाकामियों को छुपाते हुए अक्षय पात्र पर ही आरोप मंडना शुरू कर दिया. नैनावत ने कहा कि निगम प्रशासन गौशाला की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से नहीं चला पा रहा था. यही कारण था कि राज्य सरकार ने यह जिम्मेदारी अक्षय पात्र को सौंपी थी. लेकिन अक्षय पात्र पूरी तरह से निगम के ऊपर निर्भर है. उन्होंने कहा इस संबंध में शुक्रवार को मेयर से मुलाकात कर रास्ता निकाला जाएगा. बहरहाल, अक्षय पात्र ट्रस्ट और निगम प्रशासन के बीच चल रही खींचतान में गाय पिसती हुई नजर आ रही है. 4 दिन में हुई डेढ़ सौ गायों की मौत ने इस पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है. यदि जल्द गायों के लिये चारा नहीं पहुंचता है तो स्थिति और भी भयावह होने के आसार है.

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