जयपुर.राजस्थान में खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल और मंडावा से विधायक नरेंद्र कुमार के सांसद बनने के बाद अब इन दोनों सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का शनिवार को ऐलान हो गया. इसी के साथ राजस्थान में एक बार फिर से चुनावी रणभेरी बच गई है. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव ना केवल प्रतिष्ठा का विषय है, बल्कि इन चुनाव के परिणाम निकाय चुनाव पर भी असर डालेंगे.
उपचुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती राजस्थान में इन दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 21 अक्टूबर को होंगे और नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे. इससे पहले 23 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा और 30 सितंबर को नामांकन भरने की आखिरी तारीख होगी. दोनों सीटें इस लिहाज से भी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इन सीटों पर जीत नहीं पाई थी.
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वहीं, सरकार होने के बाद इन सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस निकाय चुनाव के लिए खुद को संजीवनी देने का प्रयास करेगी. लेकिन यह दोनों सीटें कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं होंगी, क्योंकि प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस विधानसभा चुनाव में ही इन सीटों पर नहीं जीत पाई थी. बीते तीन चुनावों से खींवसर और दो चुनावों से मंडावा की सीट कांग्रेस नहीं जीत पा रही है. वहीं सरकार के मंत्री प्रताप सिंह की मानें तो इन दोनों सीटों पर जनता कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत दिलाएगी, क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और जनता भी सत्ताधारी दल का विधायक ही चुनना चाहेगी.
मंडावा से रीटा तो खींवसर से हरेंद्र मिर्धा और सवाई सिंह हैं प्रमुख उम्मीदवार...
चुनाव कार्यक्रमों का शनिवार को एलान हो गया है, लेकिन पार्टी पहले से जानती थी कि इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हैं. ऐसे में प्रारंभिक तैयारी में कांग्रेस पहले से जुटी हुई है. हालांकि, दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की ओर से जिताऊ उम्मीदवार की तलाश के लिए पर्यवेक्षकों को क्षेत्र में जल्द भेजा जाएगा. कई नेताओं ने तो दोनों ही विधानसभा सीटों पर दावेदारी जताते हुए सक्रियता बढ़ा दी है.
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दोनों सीटों के हालात और उनके उम्मीदवार...
खींवसर विधानसभा सीट
खींवसर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कांग्रेस में यहां से चुनौती ज्यादा बड़ी है, क्योंकि इस सीट से लगातार तीन बार रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल चुनाव जीत चुके हैं. वह एक बार भाजपा से, एक बार निर्दलीय तो एक बार रालोपा से चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस इस सीट पर लगातार बड़े अंतर से चुनाव हार रही है. अभी सीट पर कांग्रेस से पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा और इस सीट से हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार चुके सवाई सिंह दौड़ में शामिल हैं. इसके अलावा आधा दर्जन नेता इस सीट के लिए दावेदारी जता रहे हैं, लेकिन इन सब में पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि परिसीमन से पहले जब यह सीट मूंडवा हुआ करती थी तो उस सीट से हरेंद्र मिर्धा पहले भी हनुमान बेनीवाल को शिकस्त दे चुके हैं.
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मंडावा विधानसभा सीट
मंडावा विधानसभा सीट को परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीट माना जाता रहा है. यहां से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रामनारायण चौधरी लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. उनके निधन के बाद उनकी बेटी रीटा सिंह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतीं, लेकिन साल 2013 में रीटा सिंह की टिकट काटकर कांग्रेस ने तत्कालीन राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को दे दी. जिससे डॉक्टर चंद्रभान की तो जमानत जप्त हो गई, लेकिन रीटा सिंह निर्दलीए के तौर पर चुनाव हार गईं. इसके बाद साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर से रीटा चौधरी को टिकट दिया, लेकिन वह इस बार भी चुनाव हार गईं. उनकी हार का अंतर केवल 2346 मतों का रहा. वहीं, अब इस सीट पर रीटा सिंह सबसे प्रमुख दावेदार हैं. इसके अलावा डॉक्टर चंद्रभान भी इस सीट से फिर टिकट की मांग कर रहे हैं तो वहीं रीटा चौधरी के भाई भी इस सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं.
कांग्रेस की जीत का क्रम जारी रहेगा या नहीं यह देखने की बात...
राजस्थान में कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो उस दौरान कांग्रेस को उपचुनाव में जीत मिली थी. एक धौलपुर विधानसभा के उपचुनाव को छोड़ दें तो बाकी सभी विधानसभा के उपचुनाव और लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. लेकिन अब सत्ता के साथ संगठन के तालमेल से जूझ रही कांग्रेस के लिए यह दोनों चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस को सत्ता और संगठन का तालमेल फिर से बैठाना होगा. इन चुनाव के परिणामों का बड़ा असर निकाय चुनाव पर भी पड़ेगा.
खींवसर विधानसभा में 2018 चुनाव के नतीजे...
- हनुमान बेनीवाल, रालोपा- 83096
- सवाई सिंह, कांग्रेस- 60148
- रामचंद्र उत्ता, बीजेपी- 26809
- नोटा- 2344
- डॉ. अनीता, निर्दलीय- 2279
- इंदर राम, बीएएसडी- 2230
- किशन लाल दाधीच, निर्दलीय- 1262
- रामपाल मेघवंशी, बीएसपी- 1181
- रेखा बेरा, निर्दलीय- 769
मंडावा विधानसभा में 2018 चुनाव के नतीजे...
- नरेंद्र कुमार, बीजेपी- 80599
- रीटा चौधरी, कांग्रेस- 78253
- अनवर अली खान, बीएसपी- 3228
- नोटा- 908
- महेंद्र धायल, एआरपी- 720
- जगदीप, निर्दलीय- 642
- शुभकरण सिंह, एएपी- 577
- नरेंद्र सिंह, निर्दली- 517