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BVG company warns work boycott: हेरिटेज से पत्ता कट जाने के बाद भी बीवीजी ने नहीं सुधारी कार्यशैली, अब दी कार्य बहिष्कार की धमकी - BVG contract cancelled

हेरिटेज नगर निगम से बीवीजी कंपनी का पत्ता कट चुका है, लेकिन कंपनी की कार्यशैली में अभी भी सुधार नहीं हुआ है. बीवीजी कंपनी ग्रेटर नगर निगम को बकाया भुगतान की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार करने की धमकी भी दे रही है. कंपनी को टर्मिनेट (BVG contract cancelled) करने के बाद हेरिटेज नगर निगम में भी सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई है.

हेरिटेज निगम में बीवीजी कंपनी
हेरिटेज निगम में बीवीजी कंपनी

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Published : Jan 15, 2022, 8:02 PM IST

जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर के अगले महीने किसी भी वक्त सर्वे हो सकता है. लेकिन राजधानी के दोनों ही निगम इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे. इस बीच बीवीजी कंपनी ग्रेटर नगर निगम को बकाया भुगतान की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार (BVG company warns work boycott) करने की धमकी भी है.

हेरिटेज निगम में बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट करने के बाद किराए पर हूपर लेने के लिए 2 जोन में टेंडर कर दिए गए हैं. जबकि दो में अभी भी लोगों को तीन से चार दिन कचरा अपने घर में रखना पड़ रहा है. जबकि ग्रेटर नगर निगम में अभी भी बीवीजी कंपनी ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम कर रही है. लेकिन यहां एमओयू की शर्तों के हिसाब से काम नहीं हो रहा. इन सबके बीच बीवीजी कंपनी ग्रेटर नगर निगम को बकाया भुगतान की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार करने की धमकी भी दे रही है.

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डोर टू डोर कचरा संग्रहण में अनियमितता और रोडसाइड बढ़ते कचरा डिपो ग्रेटर निगम प्रशासन की चिंता का विषय बने हुए हैं. इन सबके बीच बीवीजी कंपनी ने 4 महीने से पेमेंट नहीं होने का हवाला देते हुए अब कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. हालांकि निगम का तर्क है कि उनकी ओर से कंपनी को नियमित पेमेंट हो रहा है और एमओयू में दी गई शर्तों की पालना नहीं होने के एवज में पेनल्टी भी काटी जा रही है.

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चूंकि अब स्वच्छ सर्वेक्षण सिर पर है, ऐसे में निगम अपने संसाधनों को भी मजबूत करने में जुटा हुआ है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट भी कर दिया कि बिना नोटिस दिए यदि कार्य बहिष्कार किया जाता है, तो इस बार सख्त रुख अख्तियार किया जाएगा. वैसे भी ग्रेटर निगम 20 जनवरी को कोर्ट में होने वाली सुनवाई का ही इंतजार कर रहा है.

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उधर, कंपनी को टर्मिनेट करने के बाद हेरिटेज नगर निगम में भी सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई है. घर-घर कचरा संग्रहण करने और शिकायतों का तुरंत निस्तारण करने के अधिकारियों को निर्देश जरूर दिए गए हैं. लेकिन संसाधनों के अभाव में परकोटे के हालात बदतर होते जा रहे हैं. मुख्य बाजारों में लगे कचरे के ढेर सबसे बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं. ऐसे में यदि ग्रेटर नगर निगम में भी कंपनी कार्य बहिष्कार करती है तो शहर कचरे के ढेर पर बैठा नजर आएगा.

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