जयपुर. गहलोत सरकार बजट (Rajasthan Budget 2022-23) को लेकर लगातार संवाद कार्यक्रम कर रही है. रायशुमारी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बैठकें हो रही हैं. सीएमओ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में टैक्स एडवाइजरी कमेटी की बैठक (CM Gehlot Meet With Tax Advisory Committee) हुई. सीएम गहलोत कोरोना के कारण फिजिकली बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन वर्चुअल माध्यम से सीएमओ से ही बैठक की अध्यक्षता की.
मिटिंग में प्रदेश के सभी प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इनमें व्यापारी कल्याण बोर्ड और स्टेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन, वन नेशन - वन पॉवर टैरिफ, सरसों पर स्टॉक लिमिट समाप्त करने और मंडी टैक्स की विसंगतियों को दूर करने और वैट पर एमनेस्टी स्कीम लाने की मांग प्रमुख है.
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कोरोना को ध्यान रखकर दिए सुझाव:कोरोना काल की वर्तमान परिस्थितियों में प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उद्योग और व्यापारिक संगठनों से जो प्रमुख प्रस्ताव सरकार के सामने रखे (Expectations From Rajasthan Budget 2022) हैं. बैठक में फ़ोरे के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने अपना सुझाव रखते हुए कहा कि राज्य में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल का शीघ्र गठन होना चाहिए. उन्होनें कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूपी और हरियाणा की तरह प्रदर्शनी में भाग लेने के साथ ही (फ़्रेट) में सब्सिडी दी जानी चाहिए.
रीको में लंबे समय से अटके मामलों का तुरंत निस्तारण की वकालत भी अरोड़ा ने की. उन्होंने पर्यटन के विकास हेतु स्मारकों के पुनरुद्धार का कार्य शुरू कराने की मांग की. वहीं बैठक में अपनी बात रखते हुए खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के प्रदेशाध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि मंंडियों की स्थिति में सुधार होना चाहिए. उधर फोर्टी के उपाध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने यूडी टैक्स सहित अन्य मसलों पर अपने विचार मुख्यमंत्री गहलोत के समक्ष रखे.
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यह दिए सुझाव
पूर्व प्रस्तावित व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन होना चाहिए, जिसकी ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों को बोर्ड का सदस्य बनाया जाए और अध्यक्षता भी किसी प्रबुद्ध व्यापारी को सोंपनी चाहिए. वेयर हाउस को इंडस्ट्रीज का दर्जा मिलना चाहिए. रीको इंडस्ट्रीयल एरिया में नगर निगम का यूडी टैक्स वसूलने का प्रावधान है जिसे स्थाई रूप से समाप्त करने की डिमांड है.
फायर एनओसी के प्रावधान व्यावहारिक और आसान होने चाहिए, फायर एनओसी की शुल्क भी बहुत ज्यादा है, जिसे कम करना चाहिए. सरकार की ओर से एमएसएमई का पेमेंट (MSME Payment) समय पर होना चाहिए, पेमेंट लेट होने पर ब्याज मिलना चाहिए. सरकारी खरीद में प्रदेश की एमएसएमई को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.
उद्योगों में एलपीजी को वैकल्पिक ऊर्जा के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलनी चाहिए.पार्टनरशिप खत्म होने पर स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगनी चाहिए. साबुन- डिटरजेंट पर 18 प्रतिशत जीएसटी को कम कर 5 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
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प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए डीएमआईसी प्रोजेक्ट में राज्य सरकार की ओर से तेजी से प्रयास किए जाने (Expectations From Rajasthan Budget 2022) चाहिए.चीनी पर मंडी टैक्स की छूट मिलनी चाहिए। चीनी पर मंडी टैक्स होने से चीनी का व्यापार मंडियों से बाहर निकलता जा रहा है. उद्योगों को महंगी बिजली से निजात दिलाने के लिए प्रदेश में ' वन नेशन- वन पॉवर टैरिफ' का आगाज होना चाहिए. राजस्थान देश में इस अभियान का नेतृत्व करे.
प्रदेश की 6 लाख एमएसएमई जो 40 लाख लोगों को रोजगार दे रही हैं, उन्हें 5 रुपये प्रति यूनिट के फिक्स चार्ज पर बिजली उपलब्ध होनी चाहिए, इसमें कोई हिडन चार्ज शामिल नहीं होना चाहिए. होटल और टूरिज्म सेक्टर पर कोरोना का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है, सरकर इस सेक्टर को , टैक्स, शुल्क और लाइसेंस में छूट देकर राहत दे सकती है. ग्रामीण क्षेत्रों की पुरानी हवेलियों को हैरीटेज होटल में तब्दील करने पर पंचायत में पट्टे की फीस 25 प्रतिशत है, जिसे 5 प्रतिशत करना चाहिए.
राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि फुटवियर, फैबरिक और वुडन फर्नीचर पर जीएसटी 5 प्रतिशत से ज्यादा ना हो. अक्टूबर 2021 में बंद कर दी गई वेट पर एमनेस्टी स्कीम को 31 मार्च तक प्रभावी की जाए.