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15 मीटर से ऊंची इमारतों और भवनों को लेनी होगी फायर एनओसी : मंत्री

प्रदेश में जी+3 यानी 15 मीटर ऊंचाई से अधिक बने भवनों को अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा. शुक्रवार यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये फैसला लिया गया. प्रदेश में बढ़ रही अग्नि दुर्घटनाओं को देखते हुए फायर इक्विपमेंट लगाने, और फायर एनओसी को लेने को अनिवार्य किया गया.

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Published : Nov 23, 2019, 10:14 AM IST

जयपुर.राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में आग की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. जिनको लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें सामने आया कि अधिकतर अग्नि दुर्घटनाएं ऐसे भवन परिसर में हुई हैं, जिनकी फायर एनओसी नहीं ली गई. ऐसे में अब जनधन की सुरक्षा और आंख की दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए यूडीएच मंत्री ने कहा है कि ऐसे भवनों को सुरक्षा के लिए प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा.

15 मीटर ऊंचाई से अधिक बने भवनों को अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र

खासकर जी+3 यानी 15 मीटर से ऊंची इमारतों में अग्नि सुरक्षा यंत्र-स्मोक डिटेकटर, स्प्रिंकलर, एमसीबी हूटर, फायर अलार्म आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 337 और सहपठित धारा 255 के तहत संबंधित नगरीय निकाय से फायर एनओसी लेना जरूरी होगा. इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने साफ किया कि ऐसी सभी बिल्डिंग जहां 50 से ज्यादा व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था हो, उन सभी को फायर एनओसी लेनी होगी.

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गौरतलब है कि इनमें मनोरंजक, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक, देशभक्ति, सिविल यात्रा, शादी, डांस क्लब और सभी यात्री स्टेशन को शामिल किया जा रहा है. अग्निशमन अनापत्ति जारी होने के लिए किसी भी परिसर या भूमि को नियमन के लिए अनुमोदित या स्वामित्व का प्रमाण पत्र, भवन निर्माण स्वीकृति, अधिवास की स्वीकृति पूर्णता प्रमाण पत्र या भू उपयोग परिवर्तन का अनुमोदन नहीं माना जाएगा. इस संबंध में नियमानुसार अलग से आवेदन किया जाना अनिवार्य होगा.

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