जयपुर.राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में आग की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. जिनको लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें सामने आया कि अधिकतर अग्नि दुर्घटनाएं ऐसे भवन परिसर में हुई हैं, जिनकी फायर एनओसी नहीं ली गई. ऐसे में अब जनधन की सुरक्षा और आंख की दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए यूडीएच मंत्री ने कहा है कि ऐसे भवनों को सुरक्षा के लिए प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा.
खासकर जी+3 यानी 15 मीटर से ऊंची इमारतों में अग्नि सुरक्षा यंत्र-स्मोक डिटेकटर, स्प्रिंकलर, एमसीबी हूटर, फायर अलार्म आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 337 और सहपठित धारा 255 के तहत संबंधित नगरीय निकाय से फायर एनओसी लेना जरूरी होगा. इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने साफ किया कि ऐसी सभी बिल्डिंग जहां 50 से ज्यादा व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था हो, उन सभी को फायर एनओसी लेनी होगी.