जयपुर. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया. जयपुर के व्यापारियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया बजट को लेकर सामने आई है. इनकम टैक्स में राहत नहीं मिलने से मध्यम वर्ग के चेहरे पर मायूसी नजर आई है. लेकिन कोरोना काल में कोई नया कर भार नहीं लगने से व्यापारियों के साथ ही आमजन ने भी राहत महसूस की है. हालांकि, सरकार साफ कर चुकी है कि यह सेस लगाए जाने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर नहीं होगा.
बजट पर व्यापारियों की प्रतिक्रिया सोने-चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती और जीएसटी में सरलीकरण करने की घोषणा का व्यापारियों ने स्वागत भी किया है. जयपुर व्यापार संघ के महामंत्री सुरेंद्र बज का कहना है कि कोरोना काल में देश के व्यापारी वर्ग ने अपना घाटा सहन करके भी अपने कर्मचारियों को पगार दी और यथासंभव जरूरतमंदों की मदद भी की. व्यापारियों को उम्मीद थी कि जब बजट आएगा तो इसमें व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलेगी. लेकिन जहां तक वह बजट को समझ पाए हैं. इसमें व्यापारियों के लिए कुछ खास प्रावधान नहीं हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की तरफ ध्यान दिया गया है. वैक्सीन पर 35 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है. लेकिन व्यापारी वर्ग को जो एक बहुत बड़ी उम्मीद थी कि इतने दिन से बैंकों में जो ब्याज हम भर रहे हैं. उसमें कुछ राहत मिलेगी. लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
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उन्होंने कहा कि देश का मध्यम वर्ग पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की भी उम्मीद कर रहा था. लेकिन इस मामले में भी निराशा ही हाथ लगी है. सर्राफा डीलर्स कमेटी के महामंत्री मातादीन सोनी का कहना है कि व्यापारियों की एक बड़ी मांग थी कि कस्टम डयूटी कम की जाए. सरकार ने कस्टम ड्यूटी कम की है. उसका हम स्वागत करते हैं. व्यापारियों की यह भी मांग थी कि जीएसटी का सरलीकरण किया जाए. इस दिशा में भी बजट में सुधार करने का आश्वासन दिया है. बजट से पहले विशेष कर भार लगने की भी संभावना थी, जो नहीं हुआ.
जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का कहना है कि सोने-चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी 12.50 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी की गई है. यह बहुत अच्छी बात है. इससे सोने-चांदी के भाव गिरेंगे और आम उपभोक्ता को फायदा मिलेगा. व्यापारियों को यह फायदा होगा कि इम्पोर्ट ड्यूटी कम होने से ग्रे मार्केट से जो सोना आ रहा था उस पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा. इसके अलावा जीएसटी में व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए जीएसटी में सरलीकरण की मांग की जा रही थी. जिसका भी वित्त मंत्री ने भरोसा दिया है.
कोरोना काल में आर्थिक सुस्ती से परेशान व्यापारियों और आमजन को इनकम टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन छूट नहीं दी गई है. हालांकि, 75 साल से ऊपर के पेंशनधारियों को टैक्स से राहत की घोषणा की गई है. लेकिन व्यापारी इसे थोथी घोषणा मान रहे हैं.