जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने निजी बीएड और एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण रिपोर्ट पक्ष में नाम देने के लिए रिश्वत लेने वाले फिरोजाबाद कॉलेज के रीडर कौशलेन्द्र कुमार यादव और यूपी की वरिष्ठ व्याख्याता अमृता माहेश्वरी को ढाई साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि दोनों अभियुक्तों को जयपुर में खुलने वाली चार बीएड और एक एसटीसी कॉलेज की मान्यता के लिए निरीक्षण करने भेजा गया था. सीबीआई को 8 अक्टूबर 2008 को गुप्त सूचना मिली की दोनों अभियुक्त पक्ष में रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत ले रहे हैं. इस पर सीबीआई ने होटल में दबिश देकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया.