जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यूडीएच मंत्री के निर्देश पर जेडीए ने 9 प्रोजेक्ट आईडेंटिफाई किए. जिनमें रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट शामिल हैं. शहर के कुछ ऐसे स्थान हैं जहां ट्रैफिक दबाव ज्यादा रहता है. वहां अंडरपास, एलिवेटेड रोड और क्लोवरलीफ बनाए जाने हैं.
हालांकि कोरोना संक्रमण काल में इनके टेंडर नहीं हो पाए हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर के मेजर प्रोजेक्ट ट्रैफिक इंप्रूवमेंट के लिए मल्टीलेवल फ्लाईओवर, अंडरपास, ट्रैफिक लाइट चौराहे और डेवलपमेंट के रूटीन वर्क ड्रेनेज, सीवरेज सिस्टम के कार्य किये जा रहे हैं. हालांकि कोविड के कारण कुछ लिमिटेशंस आई हैं. लेकिन मेजर प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नियमित मीटिंग हो रही है.
ये 9 प्रोजेक्ट हैं शामिल
- शहर के सौंदर्यीकरण के नजरिये से जवाहर सर्किल, स्टेच्यू सर्किल जबकि ट्रैफिक के नजरिए से B2 बायपास, रामबाग सर्किल, ओटीएस तिराहा, लक्ष्मी मंदिर तिराहा सहित 9 प्रोजेक्ट हैं.
- शहर में बढ़ते यातायात दबाव के मद्देनजर प्रमुख चौराहों पर नए प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं. इससे लोगों का समय, फ्यूल कंजम्पशन और पॉल्यूशन तीनों फैक्टर पर असर पड़ेगा.
- 6 चौराहों से ट्रैफिक लाइट खत्म होने से हर साल करीब 40 करोड़ रुपए का डीजल-पेट्रोल बच सकेगा. इन चौराहों पर एयर क्वालिटी भी बेहतर होगी.
- बीते दिनों 4 प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर मुहर भी लगाई गई. जवाहर सर्किल पर एयरपोर्ट रोड जंक्शन पर सफेद संगमरमर के झरोखेदार मेहराब बनाए जाएंगे. जयपुर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का केंद्र भी होगा. अद्भुत सेल्फी प्वाइंट भी बनेगा.
- B2 बाईपास चौराहे पर जवाहर सर्किल से मानसरोवर की ओर अंडरपास और टोंक रोड पर आश्रम मार्ग और तारों की कूट मार्ग पर एलिवेटेड लूप का निर्माण किया जाएगा. यहां पर मॉन्यूमेंट भी बनाया जाएगा. इसके अलावा लक्ष्मी मंदिर चौराहे पर प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के 15 से 20 फीट ऊंचे स्टेच्यू स्थापित किए जाएंगे. मुख्य टोंक रोड गांधीनगर मोड़ से नेहरू बालोद्यान पर अंडरपास और नेहरू बालोद्यान पर एलिवेटेड लूप का निर्माण किया जाएगा. ओटीएस सर्किल चौराहे झालाना से टोंक रोड पर अंडरपास और संस्थान पथ पर एलिवेटेड लूप का निर्माण किया जाएगा.
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लेबर की कमी भी बड़ी परेशानी
जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि कुछ अधिकारियों को कोविड रिलेटेड ड्यूटी दी हुई है. लेकिन कुछ अधिकारी एक्सक्लूसिवली जेडीए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के काम देख रहे हैं. ये जरूर है कि लेबर की संख्या में कमी होने के कारण वर्तमान में संचालित सोडाला एलिवेटेड और झोटवाड़ा एलिवेटेड की गति भी धीमी हुई है. लेकिन ठेकेदारों को ज्यादा से ज्यादा लेबर प्रोजेक्ट में लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
लेबर के वैक्सीन लगवाने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं. प्रयास यही है कि ज्यादा से ज्यादा काम चलते रहें और जो नए काम स्वीकृति की प्रक्रिया में है, उन पर भी काम जारी है.